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Changur Baba: क्या है कमरा नंबर 102 का राज! जहां से ‘छांगुर’ चला रहा था धर्मांतरण का गैंग, जानें ढोंगी बाबा के काले कारनामे

Changur Baba: धर्मांतरण के गंभीर आरोपों में फंसे छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन को उत्तर प्रदेश एटीएस ने आखिरकार लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के अनुसार, छांगुर बाबा पिछले करीब 80 दिनों से राजधानी के विकास नगर स्थित एक होटल में अपनी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन के साथ छिपा हुआ था।

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Changur Baba: धर्मांतरण के गंभीर आरोपों में फंसे छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन को उत्तर प्रदेश एटीएस ने आखिरकार लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के अनुसार, छांगुर बाबा पिछले करीब 80 दिनों से राजधानी के विकास नगर स्थित एक होटल में अपनी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन के साथ छिपा हुआ था। दोनों पर मासूम लोगों को बहला-फुसलाकर धर्मांतरण कराने और विदेशी फंडिंग के जरिए बड़े पैमाने पर अवैध गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप है।

होटल को बनाया गुप्त ठिकाना

छांगुर और नीतू ने लखनऊ के “स्टार रूम्स” नाम के होटल में 16 अप्रैल से 5 जुलाई 2025 तक करीब 80 दिनों तक डेरा जमाया हुआ था। बता दें, होटल के रजिस्टर में दोनों की पहचान आधार कार्ड के जरिए की गई। अधिकतर समय दोनों कमरा नंबर 102 में ही रहे। शुरुआत में उन्होंने केवल चार दिन की बुकिंग की थी, लेकिन फिर दो-दो दिन करके बुकिंग बढ़ाते गए। होटल मालिक ने जब लंबे ठहराव की वजह पूछी, तो नीतू ने बताया कि उनका एक कानूनी मामला चल रहा है और वकील से मुलाकात के लिए यहां ठहरे हैं। इस दौरान एक वकील भी उनसे मिलने होटल आया था।

बलरामपुर से निकली थी कहानी

छांगुर बाबा और नीतू बलरामपुर जिले के मधुपुर गांव के रहने वाले हैं। वहां छांगुर ने एक आलीशान घर बनाया था, जिसमें वह नीतू और उसके पति के साथ रहता था। इसे लेकर बताया जा रहा है कि नीतू और उसका पति नवीन उर्फ जमालुद्दीन, दोनों ने करीब दस साल पहले धर्मांतरण किया था और तब से छांगुर के साथ रह रहे थे।

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संगीन आरोप और 100 करोड़ का लेन-देन

छांगुर बाबा पर आरोप है कि वह लालच देकर गैर-मुस्लिमों का धर्मांतरण कराता था। एटीएस की जांच में यह भी सामने आया कि उसके और उसके नेटवर्क से जुड़े 40 से ज्यादा बैंक खातों में 100 करोड़ रुपये से अधिक का ट्रांजैक्शन हुआ है। जांच में सामने आया कि उसने 40 बार इस्लामिक देशों का दौरा किया और जांच एजेंसियों को शक है कि उसे खाड़ी देशों से फंडिंग मिली थी। धर्मांतरण के बदले जाति के आधार पर पैसों का वितरण भी होता था। खासतौर पर लड़कियों को टारगेट किया जाता था।

प्रशासनिक मिलीभगत से बचता रहा बाबा

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ने बताया कि छांगुर बाबा बलरामपुर में प्रशासनिक पहुंच रखता था। पहले लालच देता, न मानने पर कानूनी कार्रवाई कराता और शिकायतें दबवा देता था। लेकिन STF और ATS की संयुक्त कार्रवाई से उसका नेटवर्क बेनकाब हो गया। अब छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी एटीएस की गिरफ्त में हैं। पूछताछ जारी है और पूरे गिरोह की जड़ें तलाशने का प्रयास तेज कर दिया गया है।

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