India Bangladesh Border : भारत की लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर काफी ज्यादा संवेदनशील हैं। फिर चाहे हम बांग्लादेश से सटी सीमा की बात करें या फिर LAC और LOC की बात करें। लेकिन हाल ही में बीएसएफ को यहां पर नई परेशानी से झूझना पढ़ रहा है और ये चुनौती ‘लव बर्ड्स’ प्रेमी जोड़ों की है, जो सुरक्षाबलों के लिए बड़ी परेशानी साबित हो रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक औसतन हर चौथे दिन सरहद के करीब कोई न कोई लव बर्ड पकड़ा जा रहा है।
ये प्रेमी जोड़े किसी खास मकसद से सीमा पर जाते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले कुछ दिनों में बीएसएफ ने सीमा के पास से करीब 89 प्रेमी जोड़े पकड़कर देश विरोधी तत्वों के नापाक मंसूबों को नाकाम कर दिया है। बीएसएफ के मुताबिक प्रेमी जोड़े के पकड़े जाने के लगभग सभी मामले पश्चिम बंगाल से सटे भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़े हैं।
इन घटनाओं को देखते हुए बीएसएफ की पेट्रोलिंग टीम और बॉर्डर आउट पोस्ट (बीओपी) पर तैनात जवान खास निगरानी रख रहे हैं। बीएसएफ की कड़ी निगरानी का ही नतीजा है कि दक्षिण बंगाल अंतर्गत अमुदिया बीओपी से 9 और खालसी बीओपी से 80 प्रेमी जोड़े पकड़े गए हैं और उनके नापाक मंसूबों को नाकाम कर दिया गया है।
क्यों अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं लव बर्ड्स?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह पूरा मामला वन्यजीवों और लुप्तप्राय प्रजातियों की तस्करी से जुड़ा है। सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ बीएसएफ वन्यजीवों और लुप्तप्राय प्रजातियों की तस्करी को रोकने और उन्हें बचाने की मुहिम में जुटी हुई है। बीएसएफ की कोशिश है कि कोई भी वन्यजीवों और पक्षियों की तस्करी के जरिए भारतीय सीमा पार न कर सके। पिछले कुछ दिनों में तस्करों को सीमा पर बड़ी संख्या में वन्यजीवों और लुप्तप्राय प्रजातियों की तस्करी की कोशिश करते देखा गया है। इन कोशिशों को नाकाम करते हुए बीएसएफ ने हाल ही में तस्करों के चंगुल से 89 प्रेमी जोड़े बचाए हैं।
BSF को मिली बड़ी सफलता
बीएसएफ की सतर्कता के कारण तस्करी पर काफी हद तक लगाम लगी है। 26 जून को पश्चिम बंगाल के रायगंज सेक्टर में तैनात बीएसएफ की 79वीं बटालियन ने सीमा के पास लगभग विलुप्त हो चुकी टोके ग्रीको छिपकली को पकड़ा। इस छिपकली को बांग्लादेश में तस्करी करने की कोशिश की जा रही थी। इसके बाद इसे वन्य संरक्षण अधिनियम 1971 के तहत जब्त कर वन विभाग को सौंप दिया गया।

