India News के दो दिवसीय कॉन्क्लेव के दूसरे दिन मंच से बोलते हुए त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता बिप्लब कुमार देब ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की हार, ममता बनर्जी, देश की अर्थव्यवस्था में पश्चिम बंगाल की भूमिका और दिल्ली के प्रदूषण जैसे गंभीर मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी। उन्होंने विपक्षी नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा कि जनता को अब “झूठे सपनों” और “हकीकत” के बीच का फर्क समझ आने लगा है।
बंगाल की पुरानी महिमा से ही बनेगा ‘5 ट्रिलियन इकॉनमी’ का सपना
बिप्लब देब ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य पर चर्चा करते हुए पश्चिम बंगाल के ऐतिहासिक योगदान को याद किया. उन्होंने कहा 1953 से पहले भारत की जीडीपी में बंगाल का योगदान 25% से 27% हुआ करता था. आज यह आंकड़ा गिरकर सिंगल डिजिट में आ गया है. देब का मानना है कि अगर देश को आर्थिक महाशक्ति बनना है, तो बंगाल को अपनी पुरानी आर्थिक स्थिति में लौटना होगा, जो वर्तमान राजनीतिक सिस्टम के कारण बाधित है.
बिप्लब देब ने ममता सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए सीधा आरोप लगाया कि आज बंगाल पूरी तरह असुरक्षित हो चुका है और वर्तमान व्यवस्था भारत के लिए खतरा बन गई है. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि जब तक बंगाल इस कुशासन से मुक्त होकर अपने पुराने गौरव को प्राप्त नहीं करता, तब तक देश की अखंडता और आर्थिक सुरक्षा पर संकट बना रहेगा.”
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केजरीवाल की हार का ‘इनसाइड ट्रैक’
अरविंद केजरीवाल की चुनावी हार पर पहली बार विस्तार से बात करते हुए बिप्लब देब ने बताया कि कैसे भाजपा ने उनके “वोट बैंक” में सेंध लगाई। उन्होंने कहा कि केजरीवाल लोगों को एक “छलावा” देकर राजनीति करते थे.
“मैं झुग्गियों और स्टाफ क्वार्टरों में छोटे-छोटे समूहों के साथ बैठता था. लोग केजरीवाल को इसलिए वोट दे रहे थे क्योंकि उन्होंने वहां पक्के मकान बनाने का वादा किया था. मैंने उन्हें समझाया कि यह एनडीएमसी (NDMC) का क्षेत्र है और गृह मंत्रालय की अनुमति के बिना यहां एक ईंट भी नहीं लग सकती. जब लोगों को पता चला कि केजरीवाल उन्हें वह घर कभी नहीं दे पाएंगे, तब उनका भ्रम टूटा.”
जब उनसे उनकी विशिष्ट चुनावी रणनीति (रणकौशल) के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “मैं अपनी रणनीति पर्दे के पीछे ही रखूंगा. मुझे अगले 25-30 साल अभी और काम करना है.”
दिल्ली का प्रदूषण
दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए देब ने कहा कि दिल्ली का अपना कोई स्वतंत्र क्लाइमेट नहीं है. यह पड़ोसी राज्यों (हिमाचल की ठंड और राजस्थान की गर्मी) से प्रभावित होती है. हालांकि, उन्होंने केंद्र सरकार के प्रयासों को गिनाते हुए कहा ‘दिल्ली में 60-70% इलेक्ट्रिक बसें आ चुकी हैं. बड़े पैमाने पर सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है. दिल्ली में अब कोई बड़ी इंडस्ट्री नहीं है, प्रदूषण का मुख्य कारण वाहनों का भारी दबाव है जिसे नियंत्रित करने पर काम जारी है.
‘राष्ट्रविरोधी’ ठप्पे पर सफाई
विपक्ष के इस आरोप पर कि भाजपा विरोधियों को ‘राष्ट्रविरोधी’ घोषित कर देती है, बिप्लब देब ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि भाजपा किसी को राष्ट्रविरोधी नहीं बनाती, बल्कि जनता उनके कृत्यों को देखकर खुद तय करती है. उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बिना निशाना साधते हुए कहा कि विदेशों में जाकर देश की बुराई करना और भारत के संविधान पर उंगली उठाना जनता बर्दाश्त नहीं करती.

