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बंगाल में SIR का विरोध करने पहुंची थी Mamata Banerjee, अगले दिन ही घर पर पहुंच गया BLO; फिर खुद…

Bengal News: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में कोलकाता में एक रैली में लोगों से एसआईआर का विरोध करने की अपील की थी. इस रैली के बाद अगले ही दिन बीएलओ एन्यूमरेशन फॉर्म लेकर मुख्यमंत्री के आवास पर पहुंच गया.

Published by Preeti Rajput

Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में स्पेशल इंटेंसिफाइड रिवीजन (SIR) को लेकर राजनीति में घमासान मचा हुआ है. राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) और इस पार्टी का मुखिया ने एसआईआर (SIR) को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल लिया है. उनकी चपेट से चुनाव आयोग भी अछूता नहीं रह पाया है. सियासी बयानबाजी के बीच बुधवार को बूथ लेवल अधिकारी (BLO) ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के आवास पर पहुंच गए. वह कालीघाट स्थित आवास पर एन्यूमरेशन फॉर्म सौंपने के लिए गए थे. 

ममता बनर्जी के आवास पहुंचा बीएलओ

जानकारी के अनुसार, बीएलओ ने ममता बनर्जी के आवास पहुंचकर औपचारिक रूप से फॉर्म दिया गया. यह सब निर्धारित बूथ के तहत किया गया. परिवार के सदस्यों ने बताया कि “बीएलओ ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और फॉर्म उनके आवास कार्यलय में जमा किया गया. फॉर्म भरने के बाद BLO उसे वापस लेने के लिए भी पहुंचा. जब बीएलओ एन्यूमरेशन फॉर्म सौंपने पहुंचे थे, तो उन्हें सुरक्षाकर्मियों ने बाहर ही रोक दिया था. 

बीएलओ को नहीं जाने दिया आवास के भीतर

सुरक्षाकर्मियों ने बीएलओ से फॉर्म उन्हें ही देने के लिए जोर दिया. लेकिन बिएलओ ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. बीएलओ ने उन्हें चुनाव आयोग के नियमों का हवाला दिया और साफ तौर पर कह दिया कि यह फॉर्म मुख्यमंत्री को ही सौंपा जाएगा. इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने उनकी जांच की और कार्यलय में भेज दिया. जहां खुद सीएम ममता ने उनसे फॉर्म लिया. साथ ही उन्होंने यह कहा कि “इसे भरने के बाद उनको सूचित किया जाएगा.”

ममता बनर्जी ने लिया यू-टर्न

ममता बनर्जी ने इसके बाद फेसबुक पर पोस्ट कर लिखा कि – “कल हमारे पड़ोस में बीएलओ प्रभारी अपना विशिष्ट कार्य करने आये थे. कार्यक्रम में अपने निवास कार्यालय में आया कुछ निवास मतदाताओं ने जानकारी ली और फार्म भेज दिया. जब तक बंगाल का हर व्यक्ति फार्म नहीं भर रहा है तब तक मैंने खुद कोई फार्म नहीं भरा है और न ही भरूंगी. व मीडिया और समाचार पत्रों ने प्रकाशित किया है कि ‘मैं आवास से बाहर आया और अपने हाथों से बीएलओ से गणना प्रपत्र प्राप्त किया! ‘यह खबर पूरी तरह से गलत, भ्रमित और उद्देश्यपूर्ण प्रचार है.

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क्या है SIR?

बता दें कि SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन मतदाता सूची की एक जांच प्रक्रिया है. जिसमें घर-घर जाकर बीएलओ डुप्लिकेट, मृत, प्रवासित या अयोग्य मतदाताओं के नाम हटाता है. हालांकि विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया का दुरुपयोग हो रहा है और कई विपक्ष समर्थक मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं. 

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Preeti Rajput
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