Aniruddhcharya on Media: कथावाचक अनिरुद्धाचार्य अपने बयानों को लेकर हर तरफ से आलोचनाओं का शिकार हो रहे हैं, लेकिन उन्होंने इसके लिए मीडिया को भी ज़िम्मेदार ठहराया है। मीडिया को कटघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने एक बार फिर कई विवादित बातें कहीं। उन्होंने कहा कि एक बहस चल रही है कि वेश्या को वेश्या मत कहो। अगर वेश्या को वेश्या नहीं कहते, तो फिर क्या कहें? उन्हें इस बात की चिंता है कि आप लिव-इन का विरोध क्यों कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वे लिव-इन के पक्षधर हैं।
अनिरुद्धाचार्य ने अपना बचाव करने के लिए मीडिया संस्थानों पर खूब कीचड़ उछाला और कहते रहे कि कितनी गंदगी परोसी जा रही है और लोग कह रहे हैं कि बाबा के बिगड़े बोल और बेशर्म बाबा। अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि बॉलीवुड और मीडिया एक-दूसरे से मिले हुए हैं। अनिरुद्धाचार्य यहीं नहीं रुके, उन्होंने मीडिया पर भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया।
अनिरुद्धाचार्य ने ऐसा कहा जिसकी हो रही चर्चा?
मीडिया पर बिफरते हुए मथुरा के संत ने कहा कि जो लोग प्रेमानंद जी के दर्शन करते थे, वे अब मीडिया के बहकावे में आकर उल्टी-सीधी बातें कह रहे हैं। कुछ लोग फूट डालो और राज करो की नीति पर काम कर रहे हैं। मैंने कथा सुनाकर कितने ही लोगों को शराब छुड़वाई। पूज्य प्रेमानंद महाराज ने कथा सुनाई तो लोगों ने गुटखा और शराब छोड़ दी।
‘हम दोनों को बदनाम किया गया’
उन्होंने कहा कि ज़्यादातर मीडिया संस्थान इन्हीं सब बातों का प्रचार करते हैं। इन लोगों को लगता है कि हम प्रचार करते हैं। ये हमारा धंधा बंद कर देंगे। ये गलत बातों का विरोध कर रहे हैं, इसलिए हम दोनों को बदनाम किया गया। उन्होंने आगे कहा कि जो भी सच की आवाज़ उठाता है, ये लोग उसकी आवाज़ दबा देते हैं।

