Muharram: मोहर्रम के मौके पर गौसगंज क्षेत्र में रविवार को एक बड़ा हादसा होते-होते बच गया। जानकारी के अनुसार, जुलूस के दौरान एक 25 फीट ऊंचा ताजिया हाईटेंशन लाइन से टकरा गया, जिससे उसके ऊपरी हिस्से में आग लग गई। बता दें, आग लगते ही वहां भगदड़ मच गई और सभी लोग जान बचाकर इधर-उधर भागने लगे। गनीमत रही कि समय रहते आग पर काबू पा लिया गया और कोई बड़ा नुकसान नुकसान होने से बच गया।
प्रशासनिक आदेशों की उड़ाई धज्जियां
मोहर्रम से पहले प्रशासन ने साफ निर्देश दिए थे कि ताजियों की ऊंचाई 12 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए। फरीदपुर थाने में इंस्पेक्टर राधेश्याम की अध्यक्षता में हुई बैठक में सभी ताजियादारों ने इस बात पर लिखित सहमति भी दी थी। लेकिन इसके बावजूद गौसगंज में 25 फीट ऊंचा ताजिया तैयार कर लिया गया। बता दें, रविवार को यह ताजिया नहर रोड से होते हुए हाईवे की ओर बढ़ रहा था कि तभी उसका ऊपरी हिस्सा बिजली के हाईटेंशन तारों से टकरा गया। इससे ताजिए के ऊपरी हिस्से में आग लग गई। देखते ही देखते अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
लोगों ने दिखाई सूझबूझ
बता दें, जैसे ही आग लगी, वहां मौजूद महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग इधर-उधर भागने लगे। भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। लेकिन कुछ स्थानीय लोगों ने तुरंत पानी डालकर आग पर काबू पाया और बड़ा हादसा होने से बचा लिया। मौके की संवेदनशीलता को देखते हुए किसी भी बड़े हादसे की पूरी आशंका थी, लेकिन स्थानीय लोगों की तत्परता और सजगता से एक बड़ा संकट टल गया। वहीं, इस पूरे घटनाक्रम में किसी के घायल होने की खबर नहीं है, लेकिन ये घटना आयोजकों की लापरवाही और प्रशासन की चेतावनी की अनदेखी को उजागर करती है।
मौके पर पहुंचीं एसपी साउथ, दी सख्त चेतावनी
घटना की सूचना मिलते ही एसपी साउथ अंशिका वर्मा पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचीं और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने ताजियादारों को फटकार लगाई और साफ कहा कि मानकों की अनदेखी गंभीर लापरवाही है। उन्होंने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं और कहा कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बता दें, यह घटना प्रशासन और आयोजकों की जिम्मेदारी पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। अगर आग तेजी से फैल जाती या लोग इसकी चपेट में आ जाते, तो हालात काफी भयावह हो सकते थे। ऐसे में जरूरी है कि भविष्य में ऐसे आयोजनों में सुरक्षा मानकों का पूरी तरह पालन हो और कोई ढिलाई न बरती जाए।

