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क्यों पुरुषों की सेक्सुअल नीड होती है महिलाओं से अलग? जानिए क्या है साइंटफिक कारण

Sexual Health Tips: पुरुषों और महिलाओं की सेक्सुअल नीड में अंतर होने के पीछे की सबसे बड़ी वजह हार्मोन्स हैं. आइए, यहां जानते हैं इसके पीछे और कारण क्या हैं और पुरुषों-महिलाओं में किन्हें सेक्सुअल कंपैटिबिलिटी बनाने में मुश्किल का सामना करना पड़ता है.

Published by Prachi Tandon

Sexual Needs Difference in Men and Women: यौन संबंध सिर्फ शारीरिक संतुष्टि नहीं देता है, बल्कि मानसिक सेहत भी अच्छी रखता है. यही वजह है कि चाहे पुरुष हो या महिला दोनों के शरीर की सेक्सुअल नीड्स होती हैं. यह नीड्स पूरी नहीं होने पर व्यक्ति को चिढ़चिढ़ापन, गुस्सा और डिप्रेशन जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं. ऐसा कई बार देखा जाता है कि जब पति-पत्नी के बीच यौन संबंध अच्छे नहीं होते हैं तो रिश्ता टूटने की कगार पर आ जाता है. 

यौन संबंध अच्छे नहीं होने के पीछे की वजह कई बार पुरुषों और महिलाओं की इच्छाओं के बीच का फर्क भी होता है. कई रिसर्च में ऐसा सामने आ चुका है कि पुरुषों की सेक्सुअल नीड्स और डिजायर महिलाओं से ज्यादा होती है. 

क्यों होती है पुरुषों और महिलाओं की सेक्सुअल नीड्स अलग?

हार्मोनल डिफरेंस

पुरुषों के शरीर में सेक्सुअल हार्मोन टेस्टोस्टेरोन होता है, जो सेक्स ड्राइव या लिबिडो बढ़ाने में मदद करता है. यह ज्यादातर सुबह से समय सबसे ज्यादा होता है. इसलिए पुरुषों को यौन संबंध बनाने की इच्छा सबसे ज्यादा सुबह के समय होती है. 

महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोडेस्टेरोन हार्मोन ज्यादा होते हैं, जो उनके मूड और सेक्सुअल डिजायर को उनके मासिक चक्र यानी पीरियड साइकिल के अलग-अलग स्टेज को प्रभावित करते हैं. यही वजह है कि महिलाओं की सेक्सुअल इच्छा किसी एक टाइम पर बेस्ड नहीं होती है और ओव्यूलेशन पीरियड के दौरान बढ़ सकती है. 

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दिमाग और इमोशनल कनेक्शन

पुरुषों में सेक्सुअल डिजायर ज्यादातर विजुअल बेस्ड होता है. यानी कोई खास दृश्य या एक्शन या बॉडी लैंग्वेज से वह एक्साइटेड हो सकते हैं. वहीं, महिलाओं के लिए यह पूरी तरह से उल्टा है. वह इमोशनल बॉन्डिंग और सिक्योरिटी फीलिंग से ज्यादा प्रभावित होती हैं. 

फिजियोलॉजिकल स्ट्रक्चर और एनर्जी लेवल

महिलाओं और पुरुषों की सेक्सुअल नीड्स और डिजायर फिजियोलॉजिकल स्ट्रक्चर और एनर्जी लेवल पर भी डिपेंड करती है. दरअसल, पुरुषों के शरीर में ब्लड फ्लो और हार्मोनल रिस्पांस तेज होता है, जिससे उनमें उत्तेजना जल्दी आती है और जल्दी ही संतुष्टि भी पा लेते हैं. वहीं, यह प्रक्रिया महिलाओं में धीमे होते है, उन्हें उत्तेजना आने और ऑर्गेज्म तक पहुंचने दोनों में ही समय लगता है. 

Disclaimer : प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है.

Prachi Tandon
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