Categories: हेल्थ

क्या खाने-पीने के बाद भी हो रही है शरीर में कैल्शियम की कमी? जानें इसके पीछे का असली सच!

कैल्शियम सिर्फ़ हड्डियों के लिए नहीं, बल्कि महिलाओं की समग्र सेहत के लिए बेहद ज़रूरी मिनरल है. यह मांसपेशियों को काम करने, नसों से सिग्नल भेजने, हृदय की धड़कन नियंत्रित करने और हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है.

Published by Komal Singh

अगर समय रहते इस कमी को न सुधारा जाए तो दाँतों की समस्या, मांसपेशियों में ऐंठन-वोम्स, दिल की धड़कन में गड़बड़ी जैसी गंभीर समस्याएँ हो सकती हैं. इसलिए अपने शरीर के संकेतों को समझना और कैल्शियम युक्त आहार-सप्लीमेंट्स को अपनी जीवनशैली में शामिल करना ज़रूरी है. नीचे कुछ ऐसी प्रमुख लक्षणों की सूची है, जिन्हें अगर आप अपनी दिनचर्या में महसूस करें, तो ध्यान देना चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए.

 


मांपेशियाँ में ऐंठन

जब शरीर में कैल्शियम की कमी होती है, तो मांसपेशियां आराम से सिकुड़ना और खुलना नहीं कर पाती. इससे हाथ, बाँहें, टांगों या पीठ में अचानक ऐंठन या मरोड़ महसूस होती है, खासकर रात को या चलते-फिरते समय. जैसे ही आप चलने-फिरने की कोशिश करते हैं, मांसपेशियों को उत्तेजना मिलती है और वे दर्दनाक स्पास्म्स कर सकती हैं. यह सिर्फ असुविधा नहीं बल्कि एक संकेत है कि शरीर को पर्याप्त कैल्शियम नहीं मिल रहा है. अगर ये ऐंठन अक्सर हो, तो यह जरूरी है कि आप अपनी डाइट को कैल्शियम-रिच फूड्स से भरें.

 

हृदय ताल में बदलाव

 

Related Post
दिल की मांसपेशियों को काम करने के लिए कैल्शियम ज़रूरी होता है क्योंकि यह विद्युत संकेतों को नियंत्रित करता है. कमी होने पर हृदय की धड़कन अनियमित हो सकती है, कभी-कभी तेज, कभी धड़कन बंद-बंद महसूस हो सकती है. यह स्थिति कभी-कभी खतरनाक भी हो सकती है, खासकर अगर अन्य समस्या जैसे तनाव या हार्ट डिज़ीज़ हो. महिलाओं को यदि ऐसा महसूस हो कि दिल की धड़कन सामान्य से अधिक तेज हो रही है या कुछ समय के लिए रुक-रुक कर हो रही है, तो डॉक्टर की सलाह लेना महत्वपूर्ण है.

 


थकान और ऊर्जा की कमी

बहुत अच्छी नींद के बाद भी अगर आप थके हुए महसूस करती हैं, काम करने की शक्ति नहीं होती, और छोटे-छोटे काम भी भारी लगते हैं, तो हो सकता है कि कैल्शियम का स्तर कम हो. ऐसा इसलिए क्योंकि कैल्शियम कोशिकाओं को ऊर्जा बनाने और मांसपेशियों को काम करने में मदद करता है. कमी होने पर कोशिकाएँ कमज़ोर हो जाती हैं, नर्वस सिस्टम ठीक से काम नहीं करता, और आप आसानी से थकावट महसूस करती हैं. ऊर्जा लेवल गिरने से मूड, प्रेरणा और दैनिक कार्यों पर असर पड़ता है.

 नाखूनों और त्वचा में बदलाव

जब कैल्शियम की मात्रा पर्याप्त नहीं होती तो नाखून कमज़ोर हो जाते हैं ,
वो आसानी से टूटते, चिपकते या बंट जाते हैं. त्वचा सूखी, तैलीयता-हीन और खुरदरी हो सकती है; कभी-कभी खुजली या छोटे-छोटे चकत्ते भी दिख सकते हैं. यह शरीर की बाहरी सतहों की स्थिति बताती है कि भीतरी स्तर पर पोषण संतुलन बिगड़ गया है. यदि मधुर मोइस्चराइज़र कम असर कर रहा हो, तो हो सकता है कि कैल्शियम-युक्त आहार या सप्लीमेंट लेना ज़रूरी हो.

Komal Singh

Recent Posts

भगवान का पैसा खाकर मोटे हो रहे थे बैंक? सुप्रीम कोर्ट ने मारा करारा तमाचा! जानिए क्या है पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया कि मंदिर का पैसा सिर्फ देवता का है. जिसके…

December 5, 2025

World Dirtiest Cities: तेल, धुआं और गंदगी…ये हैं दुनिया के 5 सबसे गंदे शहर! लिस्ट में टॉप पर है इस देश की राजधानी

World Pollution Ranking Cities: इन शहरों में प्रशासन की उदासीनता, औद्योगिक कचरे का गलत प्रबंधन…

December 5, 2025

Akhuratha Sankashti 2025: पापों के नाश और कार्यों में सफलता के लिए रखें अखुरथ संकष्टी का व्रत

Akhuratha Sankashti 2025 Date: चतुर्थी तिथि हर महीने आती है. पौष महीने में आने वाली…

December 5, 2025

Delhi Police Constable Exam 2025: एडमिट कार्ड चाहिए तो तुरंत करें ये काम! वरना हो सकते हैं परेशान

SSC दिल्ली पुलिस परीक्षा 2025: सेल्फ-स्लॉट सिलेक्शन विंडो शुरू, Constable (कार्यकारी, ड्राइवर) और Head Constable…

December 5, 2025