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रात को सोते-सोते इस बीमारी से हो सकती है आपकी मौत, जानें क्या है इसके पीछे का कारण…नहीं तो किसी दिन सुबह का सूरज नहीं देख पाएंगे आप!

Congestive Heart Failure: आज की दौर में हृदय से जुड़ी काफी बीमारिया सामान्य हो गयी हैं और उन सब में से एक ऐसी ही समस्या है। जिसे कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Congestive Heart Failure) भी कहते है।

Published by Preeti Rajput

Congestive Heart Failure: बीते कुछ वर्षो में दिल से जुड़ी काफी समस्याएं देखने को मिल रही है। काफी दफा इन समस्याओं की वजह से लोगो की मौत तक हो जाती है। आइये जानते है की सोते वक्त इंसान की मौत कैसे हो जाती है। हालांकि आज की दौर में हृदय से जुड़ी काफी बीमारिया सामान्य हो गयी हैं और उन सब में से एक ऐसी ही समस्या है। जिसे कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Congestive Heart Failure) भी कहते है। ये एक ऐसी कंडीशन है, जब हार्ट बॉडी की नीड के अकोर्डिंग बैलेंस अमाउंट में ब्लड सप्लाई नहीं कर पाता। तब ये कंडीशन आहिस्ता-आहिस्ता एक बड़ी जानलेवा बीमारी के रूप में सामने आ जाती है। जबकी कई बार लोग इसके सामान्य लक्षण को  अनदेखा भी कर देते है, जिससे समस्या गंभीर होने लगती है। 

संकेत (Symptoms):

कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Congestive Heart Failure) के केस्टार्टिंग फेज में किसी भी तरह की खास संकेत नहीं नजर आते हैं। जब धीरे-धीरे हार्ट करने का फंक्शन स्लो हो जाता है। लोगों को काफी हरासेमेंट फील होने लगती है। लेग्स और पंजों में सूजन आ जाती है। रात में ज्यादातर पेशाब लगने की दिक्कत भी बड़ जाती है। सांस लेने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। जिससे घबराहट, चेस्ट, ब्लॉकेज और रेस्टलेस हार्टबीट भी होने के अधिक चांसेस रहती हैं। हालांकि ऐसे संकेत महसूस होने पर अनदेखा करने की बेवकूफी ना करें कार्डियोलॉजिस्ट से जरुर मिले। 

आदमियों में ज्यादा देखा गया है कंजेस्टिव हार्ट फेलियर :

कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Congestive Heart Failure)  आदमियों  में हाई  लेवल पर देखा गया है। हालांकि ये इतना सच नहीं है, सर्वे  में पाया गया है कि 45 साल की ऐज से पहले ही मर्दों  में इस बीमारी का खतरा होजाता है। औरतो के मुकाबले मर्दों में यह ज्यादा देखा जाता है। 

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कंजेस्टिव हार्ट फेलियर के टाइप्स

टाइप 1-स्टार्टिंग फेज होती है ,जिसमे मेडिसिन्स से क्योर हो सकता है। टाइप 2 या 3 में मेडिसिन्स काफी नहीं होती है। हालांकि इन दोनों स्टेज में ऑपरेशन करना पड़ सकता है । टाइप 4 में सबसे क्रिटिकल कंडीशन होती है। इस कंडीशन में हार्ट की फंक्शनलिटी 85-90 परसेंट तक घट सकती है। इस कंडीशन में हार्ट ट्रांसप्लांट करना ही लास्ट आप्शन बचता है।

लाइफस्टाइल मैनेजमेंट

अपने आप को इस खतरनाक बीमारी से बचने की लिए ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना बहुत जरूरी है। हालांकि ज्यादा ब्लड प्रेशर होने पर हार्ट को ज्यादा एनर्जी लगानी पडती है। पूरे दिन में 2 लीटर से ज्यादा पानी पिने से समस्या हो सकती है जो लोग किडनी या हार्ट के मरीज के लिए खतरनाक होता है। 

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Disclaimer: इनखबर इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Preeti Rajput
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