शरीर के लिए वरदान है अश्वगंधा
रिपोर्ट के आनुसार अश्वगंधा को आयुर्वेद में उपचारिक गुणों से संपूर्ण जड़ी-बूटी बताया गया है। आयुर्वेद में हजारों वर्षो से अश्वगंधा का उपचार मानशिक और शारीरिक तनाव को कम करने, एनर्जी लेवल बूस्ट और कंसंट्रेशन में अच्छे बदलाव करते देखा गया हैं। अश्वगंधा एक संस्कृत शब्द है, जिसका मतल है चेतक की गंध है। इस जड़ी-बूटी का नाम इसकी गंध और शारीरिक उर्जा बढ़ाने की क्षमता दोनों का प्रदर्शन करता है। अश्वगंधा का पौधा एक छोटी सी झाड़ीदार होता है। जिसमें पीले पुष्प होते हैं। इसके पौधे की जड़ या पत्तियों से निकाले गए अर्क या पाउडर का इस्तेमाल किया जाता हैं। ये फर्टिलिटी और यौन शक्ति बढ़ाने में भी काफी मदद करत है।
मर्दों की बढ़ाता है यौन क्षमता
अश्वगंधा को खाने भर से लोगों की शारीरिक उर्जा बढ़ सकती है और परफॉर्मेंस में लेवल हाई हो सकता है। एथलीट्स के लिए अश्वगंधा के सप्लीमेंट्स को जादुई माना जाता है। कई सर्वे से ये पता लगा है कि अश्वगंधा शारीरिक पेर्फ़ोर्मंसस, उर्जा और एक्सरसाइज के दौरान रेस्पिरेटरी उपयोग में सुधार कर सकता है। मसल्स की शक्ति और गुस्सा बढ़ाने में अश्वगंधा आशीर्वाद साबित होता है। ये लोगों की यौन स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है और इससे शरीर की कमजोरी दूर हो जाती है। मर्दों में अश्वगंधा वीर्य क्वालिटी और वीर्य काउंट को बढ़ा सकता है। इसे खाने से मर्दों की यौन क्षमता बढ़ सकती है।
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शारीरिक और दिमागी सेहत के लिए भी फायदेमंद
अश्वगंधा को शारीरिक और दिमागी सेहत दोनों के लिए बेहद उपयोगी माना जाता है। ये शरीर में जाकर एक एडाप्टोजेन के जैसा काम करती है। जिसका अर्थ है कि ये शरीर को स्ट्रेस से निपटने में हेल्प करता है। अश्वगंधा स्ट्रेस और एंग्जायटी को कम करने में मददगार होता है। कुछ रिपोर्ट्स में पाया गया है कि अश्वगंधा के सेवन से स्ट्रेस या तनाव में काफी हद तक कटौती देखी जाती है। अश्वगंधा को खाने से शरीर में ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल हो सकती है। कई रिपोर्ट्स में मालूम चला है कि अश्वगंधा को खाने से लोगों का इम्यून सिस्टम स्ट्रोंग हो सकती है और बीमारियों अलग अलग समस्याओ का खतरा कम हो सकता है।

