Dowry System: दहेज एक ऐसा शब्द है जो आज के दौर में कई घरों को बर्बाद कर देता है. आज के दौर में लालच ने कई पिता से उनकी बेटियां छीन ली हैं. दहेज जैसी प्रथा हमारे देश में सालों से चली आ रही है. देश तो विकसित हुआ है लेकिन अभी तक ऐसी प्रथाओं का अंत नहीं हुआ है. सैकड़ों बेटियों ने दहेज के दबाव में अपनी जान गवा दी है. या तो वो खुद आत्माहत्या कर लेती हैं या फिर उन्हें ससुराल वालों के द्वारा मार दिया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दहेज के अलावा एक जहेज भी होता है. आज हम आपको इस खबर के माध्यम से बताएंगे कि ये जहेज क्या होता है और क्या ये दहेज जैसा ही होता है या अलग?
क्या होता है दहेज?
दहेज, विवाह के समय पिता द्वारा अपनी पुत्री को दिए जाने वाले भौतिक उपहारों को कहते हैं. दहेज प्रथा प्राचीन भारत से ही प्रचलित है. दहेज प्रथा केवल भारत में ही नहीं, बल्कि एशिया के कई हिस्सों में भी प्रचलित है. लेकिन नाम अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन यह प्रथा सभी समाजों में प्रचलित है. किसी ज़माने में दहेज का मतलब आज जितना भयावह और क्रूर नहीं था. दहेज़ एक पिता द्वारा अपनी बेटी को दी जाने वाली संपत्ति है, जिस पर उसका अधिकार होता है. यह एक तरह से लड़की का स्त्रीधन होता है. एक पिता अपनी हैसियत के हिसाब से अपनी बेटी को यह संपत्ति स्वेच्छा से देता था.
क्या होता है जहेज ?
अब आपने जान लिया की दहेज क्या होता है? अब हम आपको बताएंगे कि जहेज क्या होता है? दरअसल दहेज को ही उर्दू में जहेज कहा जाता है. जहेज शब्द का इस्तेमाल अक्सर इस्लाम धर्म में होता है. वहीं आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सभी धर्म में पिता द्वारा अपनी बेटी को दिए जाने वाले ऐसे दहेज की आवश्यकता पर ज़ोर देते हैं. हिंदू धर्मग्रंथों में भी ऐसे दहेज का प्रावधान है, और इस्लाम में, पैगंबर मुहम्मद ने अपनी बेटियों को दहेज के रूप में कुछ बर्तन दिए थे. समय के साथ-साथ परिस्थितियां बदलने के साथ-साथ दहेज का अर्थ भी बदल गया. दहेज एक भयावह और क्रूर प्रथा बन गई, जो महिलाओं के लिए अभिशाप बन गई.

