Deepfake Deception List 2025: भारत में डीपफेक तकनीक के जरिए हर कोई किसी की जिदंगी बर्बाद करने की कोशिश में लगा हुआ है. भारत में डीपफेक का इस्तेमाल काफी तेजी के साथ किया जा रहा है. McAfee के हालिया सर्वे “Most Dangerous Celebrity: Deepfake Deception List” ने अब तक का सबसे चौंकाने वाला खुलासा किया है. जानने के लिए पूरी खबर पढ़िए.
McAfee के सर्वे ने किया चौंकाने वाला खुलासा
McAfee के हालिया सर्वे “Most Dangerous Celebrity: Deepfake Deception List” ने हर किसी को चौंकाकर रख दिया है. McAfee के एक रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 90 प्रतिशत भारतीय इंटरनेट यूजर्स ने पिछले एक साल में फेक या AI-जनरेटेड सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट का सामना काफी ज्यादा अच्छी तरह से किया है. साथ ही इन साइबर घोटालों में भारतीय यूजर्स को औसतन 34 हजार का आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.
McAfee लिस्ट में किसका सबसे ज्यादा दुरुपयोग?
सर्वे के रिपोर्ट के आधार पर भारत में सबसे ज्यादा अगर किसी सेलिब्रिटी के साथ मिसयूज़ किया जाता है तो उनमें सबसे पहले बॉलीवुड के किंग खान शाहरूख खान का भी नाम हैं. शाहरुख खान के अलावा पहले नंबर पर आलिया भट्ट, एलन मस्क, प्रियंका चोपड़ा, क्रिस्टियानो रोनाल्डो. बात करें ग्लोबल स्तर पर कि तो, MrBeast, मेसी, टेलर स्विफ्ट, किम कार्दशियन और BTS के सदस्य डीपफेक फ्रॉड में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए गए चेहरों में से एक है.
तो ऐसे अपनी जाल में लोगों को फंसाते हैं स्कैमर
साइबर अपराधी AI और डीपफेक तकनीक के जरिए सेलिब्रिटी जैसे दिखने वाले वीडियो और ऑडियो को तैयार करते हैं, फिर इसके बाद इन वीडियो में सितारें नकली ऑफर्स, फेक गिवअवे, निवेश योजनाओं और पैसे ट्रांसफर करने की अपील करते हुए आपको विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नजर आने लगते हैं.
3 सेकंड की आवाज़ से ऐसे किया जाता है स्कैम
3 सेकंड की आवाज़ से भी स्कैमर्स असली जैसी नकली आवाज़ तैयार करने में बड़ी ही माहिर होते हैं. इतना ही नहीं, यूजर्स को फिशिंग लिंक, स्कैम वेबसाइट और फर्जी ऐप डाउनलोड करने के लिए पूरी तरह से मजबूर किया जाता है. जब तक यूजर्स फर्जी ऐप डाउनलोड नहीं कर लें वह लगातार इसका विज्ञापन भी दिखाते रहते हैं. कई फ्रॉड में फर्जी इंटरव्यू, विज्ञापन और सोशल मीडिया पोस्ट वायरल भी शामिल किए जाते हैं. हांलाकि, McAfee ने यह भी स्पष्ट करते हुए कहा कि इन मामलों में सेलिब्रिटीज खुद पीड़ित हैं, लेकिन उन्हें किसी तरह के अपराध के श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है.
कितनी तेजी से भारतीय इंटरनेट पर बढ़ रहा है खतरा?
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 60 प्रतिशत भारतीयों ने इंफ्लूएंसर और सेलिब्रिटी आधारित AI-जनरेटेड कंटेंट भी देखा हुआ है. डीपफेक का प्रसार पहले के मुकाबले अब कई गुना तेजी के साथ बढ़ता ही जा रहा है. तो वहीं, दूसरी McAfee ने अगस्त के महीने में भारत समेत 7 देशों के 8 हजार 600 वयस्कों पर ऑनलाइन सर्वे किया था. जिसपर कंपनी ने कहा कि उनका Deepfake Detector टूल यूजर्स को संदिग्ध वीडियो, ईमेल और टेक्स्ट की पहचान करने में बेहद ही मदद करता है.
डीपफेक की धोखाधड़ी से कैसे बच सकते हैं आप?
अब सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह उठता है कि आखिर डीपफेक जैसे सबसे बड़े धोखाधड़ी से कैसे बच सकते हैं आप. तो इसे बचने के लिए आपको सबसे पहले किसी भी तरह के सेलिब्रिटी के गिवअवे और कोई भी ऑफर पर तुरंत भरोसा नहीं करना चाहिए. इसके बाद पैसे, निवेश और डाउनलोड से जुड़ा किसी प्रकार का कोई भी संदेश पहले वेरिफाई करें. और फिर सोशल मीडिया पोस्ट के बारे में जानकारी हासिल करना न भूलें.
इसके साथ ही आप एंटी-फिशिंग और सुरक्षा टूल्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. जिससे डीपफेक को आप बड़े ही आसान तरीके से पहचान सकते हैं. एक बात ज़रूर याद रखिए, डीपफेक टेक्नोलॉजी जितनी शक्तिशाली है, उतनी ही खतरनाक भी हो सकती है. इसलिए इंटरनेट पर सतर्क रहना अब पहले से ज्यादा और भी जरूरी हो गया है.

