गुलशन कुमार ने सिंगर से अपने बेडरूम में लिखवा दिया था गाना, आज सुपरहिट हिट है सांग! क्या आपको है याद

Guess The Song: एक साधारण शाम में जन्मा गीत अंखियों से गोली मारे लोकधुन से निकलकर दूल्हे राजा की पहचान बना. गोविंदा की अदाओं और सोनू निगम की आवाज ने इसे हमेशा के लिए यादगार बना दिया.

Published by sanskritij jaipuria

Guess The Song: कभी-कभी बड़े काम बिना योजना के हो जाते हैं. कुछ ऐसा ही हुआ था उस शाम, जब गुलशन कुमार अपने घर पर थे और गीतकार समीर अंजान उनसे मिलने पहुंचे. माहौल बिल्कुल साधारण था, न कोई मीटिंग तय थी, न कोई फिल्म की चर्चा. लेकिन इसी सादगी में एक ऐसा गीत जन्म लेने वाला था, जो सालों तक लोगों की जुबान पर रहने वाला था.

बैठक के दौरान गुलशन कुमार ने अचानक एक लोकधुन गुनगुनाई. ये धुन उन्होंने उत्तर प्रदेश और बिहार की यात्राओं में सुनी थी. बोल थे बिल्कुल मिट्टी की खुशबू वाले. उन्होंने समीर की ओर देखा और बस इतना कहा कि इसी धुन को आधार बनाकर कुछ नया लिखा जाए. उस पल शायद किसी को अंदाजा नहीं था कि ये धुन इतिहास बनाने जा रही है.

जब शब्दों ने पकड़ी रफ्तार

समीर अंजान उस धुन से तुरंत जुड़ गए. उन्होंने संगीतकार आनंद-मिलिंद के साथ मिलकर काम शुरू किया. पूरी रात सोच-विचार और मेहनत चली. तभी एक पंक्ति सामने आई – “अंखियों से गोली मारे”. ये सुनते ही सब समझ गए कि गीत को उसकी पहचान मिल गई है.

गायक का बदलता सफर

पहले ये गीत किसी और गायक से गवाने की बात थी, लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था. आखिरकार ये जिम्मेदारी सोनू निगम को मिली. उन्होंने गीत को ऐसे गाया कि उसमें मासूमियत भी रही और मस्ती भी. यही आवाज बाद में गाने की बड़ी ताकत बन गई.

Related Post

‘दूल्हे राजा’ और गानों का जादू

1998 में फिल्म ‘दूल्हे राजा’ सिनेमाघरों में आई. गोविंदा और रवीना टंडन की जोड़ी पहले से ही दर्शकों की पसंद थी. फिल्म के गाने हर तरफ बजने लगे. इनमें “अंखियों से गोली मारे” सबसे अलग नजर आया. ये गाना सुनते ही लोग थिरकने लगे.

गोविंदा की अदाएं बनीं पहचान

इस गीत में गोविंदा का नाच देखने लायक था. उनकी फुर्ती और चेहरे के भावों ने गाने को और मजेदार बना दिया. रवीना टंडन भी इस गाने में खूब जमीं. यही वजह रही कि ये गीत शादी, समारोह और खुशियों के हर मौके का हिस्सा बन गया.

गाने से मिली एक नई पहचान

इस गाने की लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि बाद में इसी नाम पर एक अलग फिल्म भी बनाई गई. भले ही वो फिल्म ज्यादा यादगार न रही, लेकिन गीत की चमक कभी फीकी नहीं पड़ी.

आज भी जब “अंखियों से गोली मारे” बजता है, तो पुराने दिन याद आ जाते हैं. ये गीत याद दिलाता है उस दौर की, जब सादगी, लोकधुन और दिल से किया गया काम सीधे लोगों के दिलों तक पहुंच जाता था. शायद यही वजह है कि ये गीत आज भी उतना ही खास लगता है.

sanskritij jaipuria

Recent Posts

भारत गौरव ट्रेन से रामेश्वरम-तिरुपति-कन्याकुमारी यात्रा! जानें पूरा रूट और किराया

Bharat Gaurav Tourist Train: अगर आप ट्रेन से दक्षिण भारत के समृद्ध धार्मिक और ऐतिहासिक…

December 28, 2025

सर्दियों में ट्राई करें ये 8 बेहद आसान और टेस्टी रेसिपी? खाते ही मूंह में आ जाएगा पानी

Surendra Tripathi 8 Food Recipes: उत्तर प्रदेश के सेवानिवृत्त अतिरिक्त जिला कृषि अधिकारी सुरेन्द्र त्रिपाठी…

December 28, 2025

AQI अलर्ट के बीच गुरुग्राम की इस सोसाइटी का कमाल! खुद बना ली बारिश; वीडियो देख दंग रह गए लोग

Gurugram Artificial Rain: गुरुग्राम, दिल्ली-NCR में हवा में मौजूद धूल, धुआं और प्रदूषण के कणों…

December 28, 2025

पेट्रोल पंप पर काम करने वाले धीरूभाई अंबानी को मिला वो आइडिया! जिसने इतिहास रच दिया

Dhirubhai Ambani: देश की मार्केट कैपिटलाइज़ेशन के हिसाब से सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के…

December 28, 2025