‘बच्चनवा किधर है?’ इस एक लाइन से शुरू हुई अमिताभ की पहचान, भाई अजिताभ ने सुनाया दिलचस्प किस्सा

Amitabh Bachchan Surname Story: अमिताभ बच्चन के छोटे भाई अजिताभ ने खुलासा किया कि क्यों परिवार ने 'बच्चन' सरनेम अपनाया. पिता हरिवंश राय बच्चन की कविताई पहचान और मां तेजी बच्चन से जुड़ी यह विरासत आज भी सिनेमा जगत में अमिट है.

Published by Shraddha Pandey

Bachchan Family Surname History: “बच्चनवा किधर है?”, इलाहाबाद की गलियों में जब ये आवाज गूंजती थी, तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि यही एक दिन हिंदी सिनेमा (Hindi Cinema) के सबसे बड़े नाम की पहचान बन जाएगा. अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) के छोटे भाई अजिताभ बच्चन (Ajitabh Bachchan) ने हाल ही एक इंटरव्यू में बताया कि “बच्चन” सरनेम (Bachchan Surname) दरअसल उनकी मां तेजी बच्चन से जुड़ा है. उनके पिता, कवि हरिवंश राय बच्चन (Harivansh Rai Bachchan), पहले पारिवारिक उपनाम “श्रीवास्तव” (Srivastava) का इस्तेमाल करते थे. लेकिन, कवि सम्मेलन (Kavi Sammelan) और साहित्यिक मंचों पर उन्हें बच्चन नाम से ही पहचान मिली.

दरअसल, हरिवंश राय बच्चन अपने कवि जीवन की शुरुआत में “बच्चन” उपनाम से लिखते थे. धीरे-धीरे यह नाम इतना लोकप्रिय हो गया कि लोग उन्हें इसी नाम से पुकारने लगे. परिवार और समाज की सोच से अलग जाकर, उन्होंने अपने बेटों- अमिताभ और अजिताभ को भी यही उपनाम देने का फैसला किया.

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पिता रखना चाहते थे दूसरा नाम

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दिलचस्प बात ये है कि अमिताभ बच्चन का नाम रखने को लेकर भी एक कहानी है. उनके पिता चाहते थे कि बेटे का नाम “इंकलाब” रखा जाए. ऐसा इसलिए, क्योंकि उस दौर में आजादी की लड़ाई का जोश हर तरफ था. लेकिन, अंत में नाम “अमिताभ” रखा गया, जिसका मतलब है, “जिसकी आभा कभी न बुझे.”

मां की विरासत है ‘बच्चन’

अजिताभ ने बताया कि मोहल्ले के लोग जब कहते, “बच्चनवा किधर है?”, तो यही पुकार बाद में अमिताभ और पूरे परिवार की पहचान बन गई. यह केवल एक सरनेम नहीं, बल्कि मां की विरासत और पिता की कविताई पहचान का संगम है. जिसने इस परिवार को हमेशा के लिए एक अनोखी पहचान दी. आज बच्चन नाम सिर्फ एक उपनाम नहीं रहा, बल्कि यह भारतीय सिनेमा में प्रतिष्ठा, मेहनत और विरासत का प्रतीक बन चुका है.

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