Pollution in Delhi: दिल्ली-एनसीआर में लंबे समय से खराब चल रही वायु गुणवत्ता में अब मामूली सुधार दर्ज किया गया है. दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 से नीचे आने के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रैप-3 (GRAP-3) के तहत लागू सभी प्रतिबंधों को वापस ले लिया है. यह निर्णय तब लिया गया जब राजधानी में प्रदूषण का स्तर ‘बेहद खराब’ श्रेणी से थोड़ा नीचे आया और AQI कुछ हद तक सुधरा.
GRAP-3 कब लागू होता है?
ग्रैप यानी Graded Response Action Plan वायु प्रदूषण के स्तर के अनुसार विभिन्न चरणों में लागू किया जाता है—GRAP-1, GRAP-2, GRAP-3 और GRAP-4. इनमें GRAP-3 तब लागू किया जाता है जब दिल्ली-एनसीआर में AQI 400 से ऊपर चला जाता है, जो ‘Severe’ या ‘बेहद खराब’ श्रेणी मानी जाती है. इस स्तर पर प्रदूषण मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक हो जाता है.
GRAP-3 के दौरान लागू होने वाले प्रमुख प्रतिबंध:
जब GRAP-3 लागू होता है, तो सरकार कई सख्त उपायों को लागू करती है, जैसे—
निर्माण और ध्वस्तीकरण गतिविधियों पर लगभग पूर्ण रोक
सरकारी व निजी संस्थानों में वर्क फ्रॉम होम की सलाह
स्कूलों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थानों को हाइब्रिड मोड पर चलाने की अनुमति
औद्योगिक गतिविधियों पर निगरानी और प्रतिबंध
डीज़ल जेनरेटरों के उपयोग पर रोक
इन उपायों का उद्देश्य वायु में धूल, धुआं और अन्य प्रदूषकों के स्तर को कम करना होता है.
अब क्या बदला है?
चूंकि AQI अभी ‘बेहद खराब’ स्तर (400+) से नीचे आ गया है, इसलिए GRAP-3 को हटाकर इन सख्त नियमों में ढील दी गई है. इसका मतलब है कि अब निर्माण गतिविधियाँ और संबंधित काम सीमित रूप से शुरू हो सकते हैं, स्कूल व कार्यालय सामान्य मोड में वापस जा सकते हैं, और वर्क फ्रॉम होम की अनिवार्यता समाप्त हो गई है.CAQM ने स्पष्ट किया है कि GRAP-1 और GRAP-2 के नियम अभी भी जारी रहेंगे. यानी—
कचरा जलाने पर रोक
धल नियंत्रण उपायों का पालन
सड़क की सफाई, पानी का छिड़काव
वाहन प्रदूषण पर सख्त निगरानी
औद्योगिक ईंधन मानकों का पालन
ये प्रतिबंध अभी भी लागू हैं क्योंकि प्रदूषण पूरी तरह से सामान्य स्तर पर नहीं आया है.
कुल मिलाकर, दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता में हल्का सुधार देखने को जरूर मिला है, लेकिन स्थिति अभी भी संवेदनशील है. इसलिए GRAP-1 और GRAP-2 के तहत प्रदूषण नियंत्रण उपाय जारी रहेंगे जब तक हवा की गुणवत्ता और अधिक बेहतर नहीं हो जाती.
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