Bajrang Dal Worker Murder Case: कर्नाटक में बजरंग दल कार्यकर्ता सुहास शेट्टी की हत्या के मामले में नया मोड़ सामने आया है. जहां, NIA की जांच में एक बड़ी आतंकी साजिश के रूप में देखने को मिला है. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी (NIA) ने इस दर्दनाक हत्याकांड में शामिल 11 आरोपियों के खिलाफ बेंगलुरु स्थित विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है.
टारगेटेड किलिंग के जरिए की हत्या
NIA ने अपनी चार्जशीट में यह खुलासा किया है कि यह कोई सामान्य हत्या नहीं थी, बल्कि समाज में खौफ और दहशत फैलाने की सोची-समझी एक आतंकी प्लानिंग थी. 1 मई 2025 की दोपहर, सात हमलावरों ने तलवारों और चाकुओं से सुहास शेट्टी पर जानलेवा हमाल कर उनकी निर्मम हत्या कर दी थी. यह एक टारगेटेड किलिंग थी, पहले तो हत्यारों ने मृतक सुहास शेट्टी की हर गतिविधि को महीनों तक ट्रैक किया था, उनकी दिनचर्या, रास्ते और कार मूवमेंट पर पैनी नजर रखी जा रही थी.
हमला करने का भयानक तरीका
1 मई को, आरोपियों ने दो कारों में शेट्टी की इनोवा कार का पीछा किया और जानबूझकर एक कार से एक्सीडेंट करवाया, फिर दूसरी गाड़ी से टक्कर मारकर उनके भागने के सभी रास्तों को पूरी तरह से बंद कर दिया था. जैसे ही सुहास शेट्टी गाड़ी से बाहर निकले, हमलावरों ने उन पर हमला करके चाकुओं से मार दिया जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई.
क्या है PFI कनेक्शन और फंडिंग?
जांच एजेंसी के मुताबिक, यह पूरी साजिश प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के पूर्व सदस्यों ने ही रची थी. मुख्य साजिशकार्ताओं में अब्दुल सफवान सफवान उर्फ कलावरू सफवान का नाम अब सामने आया है. अन्य आरोपी नियाज उर्फ निया, मोहम्मद मुसामिर उर्फ महामेद मुसामीर, नौशाद उर्फ वामनजूर नौशाद, और आदिल महरूफ का नाम शामिल है.
आदिल महरूफ ने इस हत्याकांड के लिए पूरी तरह से फंडिंग की थी. फंडिंग के ज़रिए मिलने वाले पैसों का इस्तेमाल लॉजिस्टिक्स में और उन आरोपियों को भर्ती करने में किया गया जिनकी पीड़ित से पुरानी दुश्मनी थी या जिन्हें पैसे का लालच दिया गया था.
NIA की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस हत्याकांड का मुख्य मकसद एक वर्ग विशेष के बीच आतंक फैलाना और समाज में डर का माहौल बनाना था, इसीलिए इस वारदात को सबके सामने अंजाम दिया गया था.

