Maithili Thakur: कभी जगरातों में गाती थीं, आज करोड़ों कमाती हैं! छोटी सी उम्र में कैसे तय कर लिया चुनावी मैदान तक का सफर?

बिहार की युवा गायिका मैथिली ठाकुर का संगीत से लेकर राजनीति तक का सफर चर्चा में है. जानिए कैसे जूनियर कोकिला अपने गाँव से चुनावी मैदान तक कदम रखने की तैयारी कर रही हैं.

Published by Shivani Singh

Bihar election news: बिहार की लोकप्रिय युवा गायिका मैथिली ठाकुर का नाम अब सिर्फ़ संगीत तक सीमित नहीं रहा. 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में उनके संभावित कदम की चर्चाएँ सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में तेज़ हो गई हैं. छोटे शहर से उठकर करोड़ों दिलों पर राज करने वाली मैथिली, अब राजनीति के मैदान में कदम रखने को तैयार हैं या सिर्फ़ अटकलें हैं. आइए जानते हैं उनके सफर और उपलब्धियों के बारे में.

मैथिली ठाकुर का परिचय

अपनी कम उम्र के बावजूद, मैथिली ठाकुर आज एक प्रमुख हस्ती बन गई हैं. मैथिली ठाकुर का जन्म 25 जुलाई 2000 को बिहार के मधुबनी ज़िले के बेनीपट्टी क्षेत्र में हुआ था. मैथिली ठाकुर बचपन से ही संगीत और गायन से जुड़ी रहीं और इसी में पली-बढ़ीं. यहीं से लोकगीतों में उनकी रुचि जागृत हुई. उनके पिता, रमेश ठाकुर, स्वयं एक संगीतकार हैं. उनकी माँ, पूजा ठाकुर, एक गृहिणी हैं. मैथिली के एक बड़े भाई, ऋषभ ठाकुर और एक छोटे भाई, अयाची हैं. भारतीय शास्त्रीय संगीत के अलावा, मैथिली ठाकुर ने अपने पिता और दादा से लोकगीत गायन की शिक्षा प्राप्त की.

प्रति शो 5 से 7 लाख रुपये चार्ज करती हैं

उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में प्राप्त की. उनके पिता एक संगीत कक्षा चलाते थे, जिससे होने वाली आय से घर का खर्च चलता था. उनकी आर्थिक स्थिति कठिन थी. लेकिन निरंतर अभ्यास और कड़ी मेहनत से, मैथिली ने आखिरकार अपना लक्ष्य हासिल कर लिया. उन्हें द राइजिंग स्टार शो से पहचान मिली, जिसके बाद वह एक यूट्यूबर और सोशल मीडिया पर भी मशहूर हो गईं. उन्होंने अपने क्षेत्र में कई कार्यक्रमों में प्रस्तुति दी. दावा किया जाता है कि मैथिली की अब करोड़ों की संपत्ति है. रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि वह प्रति शो 5 से 7 लाख रुपये चार्ज करती हैं. मैथिली हर महीने 12 से 15 शो करती हैं और सोशल मीडिया के ज़रिए भी अच्छी-खासी कमाई करती हैं. इससे मैथिली की कमाई का अंदाज़ा साफ़ तौर पर लगाया जा सकता है.

कभी जगराते में गाती थीं मैथिली

मैथिली 4 साल की उम्र से संगीत सीख रही हैं. 10 की उम्र में मैथिली ने म्यूजिक फंक्शन और जागरण में गाना शुरू कर दिया था. मैथिली ने 2016 में “आई जीनियस यंग सिंगिंग स्टार” प्रतियोगिता जीती. इसके बाद उन्होंने अपना एल्बम, “या रब्बा” लॉन्च किया. उनके गायन वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं. आज, उन्हें किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है.

2024 में खादी ब्रांड एंबेसडर बनीं

बिहार की बेहद लोकप्रिय युवा लोक गायिका मैथिली ठाकुर को 2024 में एक बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपी गई. बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड ने उन्हें ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया। इससे पहले, मैथिली ठाकुर को संगीत नाटक अकादमी के प्रतिष्ठित उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.

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सोशल मीडिया पर काफ़ी सक्रिय

मैथिली ठाकुर फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब समेत सोशल मीडिया साइट्स पर भी काफ़ी सक्रिय हैं. फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर उनके फ़ॉलोअर्स की संख्या लाखों में है. इंस्टाग्राम पर मैथिली के 6.3 मिलियन फ़ॉलोअर्स हैं. वह फेसबुक और यूट्यूब पर भी काफी लोकप्रिय हैं. हाल ही में उन्होंने अंबानी के गणेशोत्सव में एक ज़बरदस्त प्रस्तुति दी. उनके गायन ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. उनके गीतों के लिए उन्हें अक्सर “जूनियर बिहार कोकिला” उपनाम दिया जाता है. उन्होंने मैथिली, भोजपुरी और हिंदी में लोकगीत गाकर कई बार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है. उन्होंने अपने भाइयों के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रस्तुति दी है.

चुनाव लड़ने के बारे में मैथिली ने क्या कहा?

बिहार में चुनावी हवा चल रही है. महागठबंधन और एनडीए के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है. इस बीच, भाजपा नेताओं की मैथिली ठाकुर से मुलाकात के बाद, उनके चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं. मैथिली ठाकुर ने हाल ही में मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात की. चुनाव लड़ने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “मैं भी इसे टीवी पर देख रही हूँ. मैं कल बिहार गई थी. वहाँ नित्यानंद जी से मिली और तावड़े जी से भी मिलने का मौका मिला. हमने मुलाकात की और बिहार के भविष्य और बिहार में क्या हो रहा है, इस बारे में खूब चर्चा की. देखते हैं. अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. देखते हैं…”

कहाँ से चुनाव लड़ेंगी मैथिली?

मैथिली ठाकुर ने कहा, “मैं अपने गाँव जाना चाहूँगी क्योंकि वहाँ से मेरा एक ख़ास जुड़ाव है. अगर मैं वहाँ से शुरुआत करूँगी, तो मुझे बहुत कुछ सीखने को मिलेगा. लोगों से मिलना, उनसे बातचीत करना और उनकी कहानियाँ सुनना. अगर मैं अपने गाँव से शुरुआत करूँगी, तो मुझे ज़्यादा समझ आएगी…” गौरतलब है कि मैथिली मधुबनी ज़िले के बेनी पट्टी की रहने वाली हैं. बेनी पट्टी एक विधानसभा क्षेत्र है.

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Shivani Singh

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