Kesaria Assembly Election 2025: बिहार की राजनीति में हर विधानसभा क्षेत्र का अपना एक अलग महत्व है. इस साल के अंत में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसे लेकर बिहार की राजनीति गरमा रही है. आने वाले दिनों में सत्ता किसके हाथ लगेगी ये तो आने वाला समय ही बताएगा. इसी चुनावी सरगर्मी के बीच आज हम आपको केसरिया निर्वाचन क्षेत्र के बारे में बताने जा रहे है.
सबसे पहले आइए केसरिया निर्वाचन क्षेत्र के बारे में जाने
पूर्वी चंपारण जिला बिहार के 38 जिलों में से एक है. इस जिले में कुल 9 विधानसभा सीटें है. केसरिया विधानसभा क्षेत्र पूर्वी चंपारण लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. 1971 तक केसरिया नाम से एक लोकसभा सीट भी थी. केसरिया विधानसभा क्षेत्र पूर्वी चंपारण लोकसभा क्षेत्र में आता है. 2008 के परिसीमन से पहले इसे मोतिहारी लोकसभा सीट के नाम से जाना जाता था. पूर्वी चंपारण लोकसभा क्षेत्र में कुल 6 विधानसभा सीटें शामिल है. हरसिद्धि (एससी), गोविंदगंज, केसरिया, कल्याणपुर, पिपरा और मोतिहारी. इस सीट पर पहला चुनाव 1952 में हुआ था.
समता पार्टी की जीत
2000 में समता पार्टी ने ये सीट जीती थी. समता पार्टी के ओबैदुल्ला ने कोसल पार्टी के यमुना यादव को 29,319 मतो से हरा दिया था. 2005 में बिहार में दो चुनाव हुए. पहले चुनाव में जदयू के ओबैदुल्ला ने राजद के राजेश कुमार रोशन उर्फ बबलू देव को 8,948 मतों से हराया था.
राजद की पहली जीत
फरवरी 2005 में हुए दूसरे चुनाव में राजद ने अपनी पहली जीत हासिल की. राजद के राजेश कुमार रोशन उर्फ बबलू देव ने जदयू की रजिया खातून को 978 मतों से हरा दिया था.
2010 में भाजपा की पहली जीत
2010 में भाजपा के सचिंद्र प्रसाद सिंह ने पहली बार यह सीट जीती थी. उन्होंने माकपा के रामसरन प्रसाद यादव को 11,683 मतों से हराया था.
2015 में राजद की जीत
2015 में राजद ने ये सीट एक बार जीती थी. राजद के डॉ. राजेश कुमार ने भाजपा के राजेंद्र प्रसाद गुप्ता को 15,947 मतों से हरा दिया था.
2020 में जदयू की जीत
2020 में जदयू की शालिनी मिश्रा ने यह सीट जीती थी. उन्होंने राजद के संतोष कुशवाहा को 9,227 मतों से हराया था. शालिनी मिश्रा पूर्व सांसद कमला मिश्रा मधुकर की बेटी है. वे 2020 में जदयू में शामिल हुई. संतोष कुशवाहा 2024 में राजद छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए.

