Bihar Chunav Result: बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम कुछ ही देर में घोषित हो जाएंगे, वहीं बिहार में NDA और महागठबंधन ने प्रचार प्रसार में पूरी-पूरी जान झौंक दी है. वहीं रुझानों की मानें तो बिहार में बीजेपी पूर्ण बहुमत से सत्ता पर काबिज होती हुई नजर आ रही है. वहीं महागठबंधन की हालत खस्ता है. रुझानों के मुताबिक महागठबंधन की ऐसी हालत है कि नेता प्रतिपक्ष भी मिलना मुश्किल लग रहा है.
बहुमत से मीलो दूर महागठबंधन?
वहीं रुझानों के मुताबिक बीजेपी डबल सेंचरी मारती हुई नजर आ रही और महागठबंधन का खाता भी नहीं खुला. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यहां बीजेपी 200 पार सीटों पर जीत करती हुई दिखाई दे रही है, वहीं महागठबंधन अभी सिर्फ 36-37 सीटों पर सिमट कर रह गई है. इसलिए कहा जा सकता है कि इस बार विपक्षी नेताओं को नेता प्रतिपक्ष मिलना मुश्किल है. आईये जान लेते हैं ऐसा क्यों कहा जा रहा है.
कौन होता है नेता प्रतिपक्ष
पहले तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विपक्ष का नेता अथवा नेता प्रतिपक्ष भारतीय संसद के दोनों सदनों में, प्रत्येक में आधिकारिक विपक्ष का नेतृत्वकर्ता होता है. विपक्ष का नेता एक ऐसा पद है जो पारंपरिक रूप से सरकार में न रहने वाले सबसे बड़े राजनीतिक दल के नेता द्वारा धारण किया जाता है, जो संसदीय प्रणाली वाली सरकार वाले देशों में आम है.
विपक्ष का नेता बनने के लिए कितने सीटों की जरूरत?
विपक्ष का नेता विपक्ष के नेता को दर्शाता है. हालाँकि, यदि किसी पार्टी के पास सदन की कुल सीटों का 10 प्रतिशत हिस्सा है, तो उस पार्टी के किसी सांसद को सर्वसम्मति से विपक्ष का नेता चुना जाता है. यह ध्यान देने योग्य है कि यदि किसी भी विपक्षी दल के पास कुल सीटों का 10 प्रतिशत हिस्सा नहीं है, तो सदन में कोई विपक्ष का नेता नहीं हो सकता.
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