Bihar Exit poll 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दोनों चरणों के मतदान के बाद चुनाव आयोग की रिपोर्ट ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। रिपोर्ट के अनुसार, इस बार राज्य में कुल 66.91 प्रतिशत वोटिंग हुई, जो बिहार के चुनावी इतिहास में अब तक की सबसे अधिक है। 1951 में पहले विधानसभा चुनाव के बाद से आज तक इतनी बड़ी संख्या में मतदाताओं ने कभी भागीदारी नहीं की थी।
चुनाव आयोग के आकड़ों के मुताबिक पहले चरण में 65.08 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ, जबकि दूसरे चरण में यह आंकड़ा बढ़कर 68.76 प्रतिशत तक पहुंच गया.
महिलाओं ने बढ़-चढ़कर किया मतदान
इस ऐतिहासिक मतदान की सबसे बड़ी खासियत रही महिलाओं की जबरदस्त भागीदारी। इस बार 71.6 प्रतिशत महिलाओं ने वोट डाला, जबकि पुरुषों का मतदान प्रतिशत 62.8 प्रतिशत रहा। यानी महिलाओं ने लगभग 9 प्रतिशत अधिक वोटिंग की, जो अब तक का सबसे बड़ा अंतर है।
पिछले चुनावों में भी महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ती रही — 2015 में 60.5 प्रतिशत, 2020 में 63.9 प्रतिशत और अब 2025 में यह छलांग लगाकर 71.6 प्रतिशत तक पहुंच गई.
नीतीश कुमार और एनडीए गठबंधन को फायदा
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, महिलाओं की इस भारी भागीदारी ने नीतीश कुमार और एनडीए गठबंधन को बड़ा फायदा पहुंचाया होगा। नीतीश का महिला वोट बैंक हमेशा से मजबूत रहा है। उनकी योजनाएं जैसे मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, साइकिल-ड्रेस योजना, जीविका दीदी योजना और शराबबंदी कानून ने महिलाओं में उनके प्रति भरोसा कायम किया है। ग्रामीण इलाकों में पुरुषों के पलायन के चलते महिलाएं ही मतदान केंद्रों पर सबसे पहले कतारों में नजर आईं.
तेजस्वी-आरजेडी का प्लान नहीं आया काम
हालांकि, तेजस्वी यादव की आरजेडी ने भी महिलाओं को लुभाने के प्रयास किए और महंगाई व रोजगार जैसे मुद्दों पर फोकस रखा, लेकिन एग्जिट पोल के रुझान बताते हैं कि महिला वोटर अभी भी नीतीश के पक्ष में झुकी हुई हैं। 2020 के चुनाव में भी महिलाओं ने पुरुषों से 3 प्रतिशत ज्यादा वोट डाले थे और वही वोट एनडीए की सरकार बनाने में निर्णायक साबित हुए थे। 2025 में यह रुझान और मजबूत हुआ है, जिससे साफ संकेत मिलता है कि बिहार की राजनीति में अब महिलाएं किंगमेकर बन चुकी हैं.
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