Bihar Elections: बिहार में चुनावी सरगर्मी तेज़ हो गई है. 6 अक्टूबर के बाद चुनाव के तारिखों का एलान किसी भी समय हो सकता है. सभी राजनीतिक दल ने कमर कस लिया है. वहीं चुनावी तैयारियों के बीच सबसे बड़ी चुनौती सीट बंटवारे को लेकर है. वहीं आज हम मोतिहारी सीट पर विस्तार से चर्चा करेंगे. बता दें 2020 में इस सीट पर बीजेपी के प्रमोद कुमार ने जीत हासिल की थी. मोतिहारी विधानसभा क्षेत्र पूर्वी चंपारण लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है.
पहली बार 1952 में हुए चुनाव
बता दें कि पहले इसे मोतिहारी लोकसभा सीट के नाम से जाना जाता था. पूर्वी चंपारण लोकसभा क्षेत्र में कुल छह विधानसभा सीटें शामिल हैं, जिनमें हरसिद्धि (एससी), गोविंदगंज, केसरिया, कल्याणपुर, पिपरा और मोतिहारी शामिल हैं. मोतिहारी विधानसभा सीट पर पहली बार 1952 में चुनाव हुए थे.
1952: बता दें कि इस सीट के लिए पहला चुनाव 1952 में हुआ था. आपको ये जानकर हैरानी होगा कि उस समय मोतिहारी और पिपरा एक ही सीट थीं. जहां दो विधायक चुने गए. 1952 में यहां कांग्रेस ने दोनों सीटें जीतीं थी. विजेताओं में गणेश प्रसाद साह और यमुना राम शामिल थे.
1957: यह सीट 1957 में आरक्षित थी.1957 में भी यहां से दो कांग्रेस के विधायक शकुंतला देवी और बिगू राम जीते.
1962: 1962 में ये सीट पिपरा से अलग हो गई थी. इस साल भी कांग्रेस ने यहां से बाजी मारी थी.शकुंतला देवी ने एक बार फिर यहां अपना लोहा मनवाया था. .शकुंतला देवी ने निर्दलीय उम्मीदवार सूर्यदेव नारायण गुप्ता को 6,457 वोटों से हराकर दूसरी बार विधायक चुनेी गई.
1967: इस साल कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा क्योंकि जनसंघ के चंद्रिका प्रसाद यादव ने कांग्रेस उम्मीदवार को 12,307 से हरा दिया .
1969: 1969 ने कांग्रेस ने वापसी की. कांग्रेस के राम सेवक प्रसाद जायसवाल ने तत्कालीन विधायक और जनसंघ उम्मीदवार चंद्रिका प्रसाद यादव को 4,315 मतों से हराया.
1972: इस साल भी कांग्रेस ने बाजी मारी. प्रभावती गुप्ता ने पहली बार यह सीट जीती. प्रभावती गुप्ता ने जनसंघ के चंद्रिका प्रसाद यादव को 6,791 मतों से हराया.
1977: 1977 में लगातार दूसरी बार कांग्रेस की प्रभावती गुप्ता ने जनता पार्टी के रघुनाथ गुप्ता को 15,453 मतों से हराकर यह सीट फिर से जीती.
1980: कांग्रेस की प्रभावती गुप्ता ने तीसरी बार यहां से बाजी मारी. उन्होंने सीपीआई के त्रिवेणी तिवारी को 1,533 मतों से हराया.1984 में, प्रभावती गुप्ता कांग्रेस के टिकट पर मोतिहारी से लोकसभा पहुंचीं और इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा खत्म कर दिया.
1985: सीपीआई की त्रिवेणी तिवारी 1985 के चुनाव में जीत गईं. उन्होंने कांग्रेस के राजेंद्र प्रसाद को 19,697 मतों से हराया. उन्होंने 1990 और 1995 में भी जीत हासिल की.
1990: सीपीआई की त्रिवेणी तिवारी ने भाजपा के लक्ष्मण प्रसाद को 1,085 मतों से हराया।
1995: में, त्रिवेणी तिवारी ने भाजपा के लक्ष्मण प्रसाद को 19,186 मतों से हराया था।
2000: राजद की रमा देवी ने भाजपा के प्रमोद कुमार को 34,567 मतों से हराया था.
2005 से 2020: 2005 में बिहार में दो बार चुनाव हुए और दोनों ही चुनावों में भाजपा के प्रमोद कुमार ने जीत हासिल की. इसके बाद प्रमोद कुमार ने 2010, 2015 और 2020 में लगातार जीत हासिल की.

