Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण और दूसरे चरण का मतदान खत्म हो गया. एग्जिट पोल भी आ गया और अब सबको चुनाव नतीजे का इंतजार है. कल यानी शुक्रवार (14 नवंबर, 2025) को मतगणना की जाएगी. इस बीच बिहार में हुए बंपर वोटिंग को विशेषज्ञों द्वारा विश्लेषण किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार, बिहार चुनाव के दोनों चरणों में 32 मुस्लिम बहुल सीटों पर इस बार मतदान में औसतन 12.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.
बिहार ने रचा इतिहास
बिहार ने मंगलवार (11 नवंबर, 2025) को चुनावी इतिहास में एक नया अध्याय लिखा, जब 2025 के विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण में 67.14% मतदान हुआ, जिसमें मुस्लिम बहुल किशनगंज जिले में सबसे अधिक 78.16% मतदान हुआ.विशेषज्ञों के विश्लेषण के अनुसार सीमांचल और कोसी में केंद्रित 32 मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्रों में औसतन 74.5 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जो 2020 के 60.2 प्रतिशत से 12.9 प्रतिशत अंकों की वृद्धि दर्शाता है.
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दूसरे चरण में रिकॉर्ड तोड़ मतदान
दूसरे चरण में सीमांचल, चंपारण और मगध सहित कई क्षेत्रों के 20 जिलों के 122 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हुआ. 2022-23 के राज्य जाति सर्वेक्षण के अनुसार बिहार की 13.07 करोड़ की आबादी में मुस्लिम समुदाय 17.7% है. 2011 की जनगणना के अनुसार किशनगंज में बिहार में सबसे ज़्यादा मुस्लिम आबादी है, जहाँ 68% आबादी रहती है. वे बिहार विधानसभा के लिए चार सदस्य चुनेंगे. कटिहार 62% मुस्लिम आबादी के साथ सूची में दूसरे स्थान पर है. ये सात सदस्य चुनेंगे.
अररिया में 41% मुस्लिम हैं जो छह विधायक चुनेंगे. पूर्णिया में 37% मुस्लिम आबादी और सात निर्वाचन क्षेत्र हैं. दरभंगा में 10 विधानसभा सीटें हैं, और इसकी 23% आबादी मुस्लिम है. पूर्वी चंपारण और सीतामढ़ी में क्रमशः 12 और सात सीटों के साथ 22% और 21% मुस्लिम आबादी है.
32 मुस्लिम बहुल सीटों पर कैसा हुआ मतदान?
मुस्लिम बहुल सीटों की बात करें तो अधिकतर सीटें नेपाल सीमा से लगे जिलों में हैं, जो मुख्य रूप से बिहार के उत्तर-पूर्वी कोसी-सीमांचल क्षेत्र में केंद्रित हैं, जहां अल्पसंख्यक आबादी अच्छी-खासी है.तिरहुत क्षेत्र की एकमात्र मुस्लिम बहुल सीट शिवहर में इस चुनाव में 68.80% मतदान हुआ, जो 2020 में दर्ज 56.54% से ज्यादा है. इसी तरह मिथिलांचल क्षेत्र में रपतगंज में सबसे ज़्यादा 71.63% मतदान हुआ, जो 2020 में 61.18% से ज़्यादा है.
इसके बाद खजौली (69.47%) में 8.34% और बाबूबरही (66.5%) में 5.49% की वृद्धि हुई. राज्य में सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाले सीमांचल में किशनगंज सदर सीट पर 79.93% मतदान हुआ, जो 2020 से 19.07% ज्यादा है.कटिहार (77.93%) में 13.26% और कोचाधामन (76.84%) में 12.20% की वृद्धि हुई.
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में नतीजे क्या आए थे?
तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाली राजद मुस्लिम समुदाय से अपनी निकटता के लिए जानी जाती है, जिसने लगभग सभी चुनावों में इसका समर्थन किया है. राज्य के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों की 51 विधानसभा सीटों में से भाजपा और उसके सहयोगियों ने 2020 में 35 सीटें जीतीं. एनडीए का स्ट्राइक रेट लगभग 70 प्रतिशत था. तो वहीं, दूसरी तरफ 2015 विधानसभा चुनाव में राजद, जद(यू) और कांग्रेस महागठबंधन के बैनर तले एक साथ आए और लगभग 80% मुस्लिम वोट हासिल किए.
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