Gold Price: सोने के कीमतों के आसमान छूने के बाद अब गोल्ड के कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिल रहा है. अब तकसोने की कीमतों में 6 प्रतिशत से ज़्यादा की गिरावट आ चुकी है. हाजिर सोना जो पहले 4,381.21 डॉलर प्रति औंस के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था, अब 4,100 डॉलर से नीचे आ गया है.
2013 के बाद से एक दिन में सबसे बड़ी गिरावट
इसे 2013 के बाद से एक दिन में सबसे बड़ी गिरावट माना जा रहा है. भारत में सोने की कीमतें भी लगभग 1.21 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक गिर गई हैं. तो चलिए जानते हैं कि सोने की कीमतों में गिरावट के प्रमुख कारण क्या हैं?
मुनाफावसूली और मौसमी प्रभाव
विशेषज्ञों का कहना है कि इस गिरावट का सबसे बड़ा कारण मुनाफावसूली है. त्योहारी मांग कमजोर पड़ने के बाद निवेशकों ने अपनी पोजीशन कम करना शुरू कर दिया है. इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) की उपाध्यक्ष अक्ष कंबोज ने कहा कि त्योहारी सीज़न के बाद मांग स्थिर हो गई है और डॉलर के मज़बूत होने से सेफ-हेवन (सोने की कीमतों में गिरावट) में कमी आई है.
तकनीकी करेक्शन का प्रभाव
एंजेल वन के मुख्य तकनीकी विश्लेषक तेजस शिग्रेखर के अनुसार, सोना ” ‘historically overbought levels'” पर पहुंच गया है, जिसके कारण बाजार में तकनीकी करेक्शन हुआ है.
अमेरिकी डॉलर
अमेरिकी डॉलर सूचकांक की मज़बूती भी सोने पर भारी पड़ रही है. मज़बूत डॉलर अन्य मुद्राओं में सोने को और महंगा बना देता है, जिससे निवेशकों की मांग कम हो जाती है.
भू-राजनीतिक तनाव में कमी.
अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता और अमेरिका-चीन संवाद की हालिया खबरों ने बाजार में स्थिरता ला दी है. इससे सोने की सुरक्षित निवेश मांग कम हुई है.
बाजार की नज़र अब अमेरिकी मुद्रास्फीति (CPI) के आंकड़ों पर है. अगर आंकड़े उम्मीद से कम रहे, तो ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ेंगी और सोना फिर से बढ़ सकता है. सोना इस समय स्थिरता के दौर से गुज़र रहा है और आने वाले हफ़्तों में इसकी दिशा वैश्विक आर्थिक संकेतकों पर निर्भर करेगी.

