PMFBY Claim Amount Transfer: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार (11 अगस्त, 2025) को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के अंतर्गत 30 लाख किसानों को 3200 करोड़ रुपये की फसल बीमा दावा राशि हस्तांतरित करेंगे। पीएमएफबीवाई (PMFBY) दावा राशि राजस्थान के झुंझुनू में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हस्तांतरित की जाएगी। आपको जानकारी के लिए बता दें कि, इस कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी और राज्य के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा भी शामिल होंगे।
कितने किसानों को मिलेगा लाभ?
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, कुल दावा राशि में से 1156 करोड़ रुपये मध्य प्रदेश के किसानों को, 1121 करोड़ रुपये राजस्थान के किसानों को, 150 करोड़ रुपये छत्तीसगढ़ के किसानों को और 773 करोड़ रुपये अन्य राज्यों के किसानों को भेजे जाएंगे। कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के हित में एक नई, सरल और सुविधाजनक दावा निपटान प्रणाली लागू की है, जिसके अंतर्गत राज्य के प्रीमियम अंशदान की प्रतीक्षा किए बिना, केवल केंद्रीय सब्सिडी के आधार पर दावों का आनुपातिक भुगतान किया जाएगा।
Gold Silver Price Today: मार्केट खुलते ही बढ़ जाएगा सोने-चांदी का रेट, आसमान छूती कीमतों को लग जाएंगे पंख!
केंद्रीय कृषि मंत्री ने क्या कहा?
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बयान में जानकारी देते हुए बताया कि, “खरीफ 2025 सत्र से, यदि कोई राज्य सरकार अपने सब्सिडी अंशदान में देरी करती है, तो उस पर 12 प्रतिशत का जुर्माना लगाया जाएगा और इसी तरह, यदि बीमा कंपनियाँ भुगतान में देरी करती हैं, तो उन पर भी 12 प्रतिशत का जुर्माना लगाया जाएगा।”
आंध्र के किसानों को हुआ नुकसान
पिछले महीने लोकसभा में पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि मोदी सरकार ने पूर्ववर्ती राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (NAIS) की जगह PMFBY लागू की है, जिसमें किसानों को हुए नुकसान के दावों का 21 दिनों के भीतर निपटान करने का आदेश दिया गया है। कृषि मंत्री ने कहा, “कुछ राज्यों ने इस बात की घोषणा की थी कि वे किसान बीमा प्रीमियम का खर्च स्वयं उठाएंगे। लेकिन, अफसोस की बात है कि आंध्र प्रदेश की तत्कालीन जगन सरकार लगातार तीन वर्षों तक प्रीमियम में अपने राज्य का हिस्सा देने में विफल रही। इसी वजह से आंध्र प्रदेश के किसानों को भारी नुकसान हुआ क्योंकि उन्हें उचित फसल बीमा का लाभ नहीं मिला।”
कब हुई थी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की शुरुआत?
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की शुरुआत 2016 में हुई थी। इसके बाद से इस योजना के तहत 1.83 लाख करोड़ रुपये के दावों का निपटारा किया जा चुका है, जबकि किसानों ने केवल 35,864 करोड़ रुपये का प्रीमियम चुकाया है।

