Old gold or new gold: लोगों ने इस बार सोने की खूबसूरती से ज्यादा उसकी कीमतों पर ध्यान दिया. 2025 में सोने के दामों में 50% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. अब सोना लोअर मिडिल क्लास के लिए खरीदना मुश्किल हो गया है. शादी वाले परिवार नए गहने खरीदने के बजाय पुराने गहनों को बदलवाकर इस्तेमाल कर रहे हैं. सच में आज ‘ओल्ड इज गोल्ड’ वाली कहावत सोने के मामले में बिल्कुल सही साबित हो रही है. यानी पुराना सोना लोगों के लिए अब भी वैसी ही कीमत रखता है जैसी नए सोने की होती है.
टाटा की कंपनी तनिष्क का कहना है कि इस साल धनतेरस पर करीब 50% बिक्री पुराने गहनों के एक्सचेंज से हुई जो पिछले साल के 35% से ज़्यादा है. रिलायंस रिटेल के अनुसार अब उसकी ज्वेलरी बिक्री में लगभग एक-तिहाई एक्सचेंज से होती है जबकि पहले यह 22% थी. सेनको गोल्ड ने भी बताया कि उनके यहां यह हिस्सा 35% से बढ़कर 45% तक पहुंच गया है.
कहना सही होगा- old is gold
रिलायंस रिटेल के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO) दिनेश तालुजा के अनुसार महंगी होती ज्वेलरी के चलते लोग नई खरीदारी कम कर रहे हैं और पुरानी ज्वेलरी का दोबारा इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने पिछले हफ्ते एनालिस्ट्स को बताया कि बढ़ती कीमतों की वजह से हर खरीद पर खर्च ज्यादा हो रहा है. सोने की बढ़ती कीमतों ने ग्राहकों की खरीदारी की क्षमता को प्रभावित किया है इसलिए वॉल्यूम गिर गया है.
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार धनतेरस के दिन 10 ग्राम सोने की कीमत 3% GST के साथ 1.34 लाख रुपये तक पहुंच गई. धनतेरस को भारत में सोना और चांदी जैसी चीजें खरीदना बहुत अच्छा माना जाता है. पिछले साल की तुलना में यह कीमत 69% बढ़कर 80,469 रुपये से ऊपर चली गई है. सरकार और उद्योग के अनुसार, भारत में घरों में करीब 22,000 टन सोना बेकार पड़ा है. हाल ही में सोने की कीमत बढ़ने पर लोग पुराने गहनों को नए स्टाइल के गहनों में बदल रहे हैं.

