दिवाली के ठीक पहले सोना और चांदी की कीमतें नए रिकॉर्ड तक पहुंच गई हैं. सोमवार को MCX पर सोना 1.30 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम तक बिक रहा था, जिससे निवेशकों को अच्छा फायदा हुआ. इसी तरह, 2025 में चांदी की कीमतें भी तेज़ी से ऊपर गई. असल में, सुरक्षित संपत्तियां निवेशकों को अच्छा रिटर्न दे रही हैं. इसलिए सवाल यह होता है कि क्या निवेशकों को इक्विटी म्यूचुअल फंड जैसे बढ़ने वाले निवेश छोड़कर सोने में पैसा लगाना चाहिए. चलिए, इसके फायदे और नुकसान के बारे में समझते हैं.
क्यों महंगा हो रहा है सोना
लोगों का मानना है कि अमेरिका का फेडरल बैंक ब्याज दरें कम कर सकता है. एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में सोने की जबरदस्त खरीददारी देखी जा रही है. 2025 में दुनिया की अनिश्चित हालात की वजह से सोने की कीमतों में 70% की बढ़ोतरी हुई है.
क्या सोने की यह तेजी केवल थोड़े समय के लिए है?
सोने की कीमतों का स्टॉक की तरह कोई पक्का अनुमान नहीं लगाया जा सकता. सोने की कीमतें आमतौर पर दुनिया भर के बाजारों में होने वाली परेशानियों के कारण बदलती रहती हैं. जानकारों का मानना है कि सोने के दाम नीचे आने पर खरीदारी करनी चाहिए. SMC ग्लोबल की रिसर्च हेड वंदना भारती का मानना है कि सोने की कीमतों के स्थिर होने का इंतजार करना चाहिए. चांदी की कीमतें 85% से ज्यादा और सोने की कीमतें 70% से ऊपर बढ़ गई हैं. सोना 1,18,000 रुपये से 1,20,000 रुपये और चांदी 1,40,000 रुपये के दाम पर खरीदना अच्छा विकल्प है.
क्यों करें म्यूचुअल फंड में निवेश?
म्यूचुअल फंड में पैसा लगाना भी फायदेमंद माना जाता है. सोने में पिछले एक साल में 70% का मुनाफा हुआ है. एक साल में किसी भी स्टॉक से 70% का रिटर्न मिलना मुश्किल है. लंबे समय तक शेयर बाजार में निवेश करने से ज्यादा लाभ मिलता है. म्यूचुअल फंड के जरिए आप अलग-अलग निवेश विकल्पों का फायदा उठा सकते हैं. इसमें आप बड़े, मध्यम और छोटे कंपनियों के शेयर, कॉर्पोरेट कर्ज, सरकारी बॉन्ड और सोने में निवेश कर सकते हैं.

