EPFO New Scheme: अगर आप किसी प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं और पीएफ का पैसा कट रहा है तो ये खबार आपके लिए बहुत काम की हो सकती है. दरअसल, केंद्र सरकार EPFO से जुड़े नियमों में लगातार बदलाव करते रहती है और अगर आपका पीएफ कट रहा है तो आपको EPFO से जुड़े सभी नियमों से अप-टू-डेट रहना चाहिए. अब केंद्र सरकार ने देश के कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है.
सरकार ने EPFO की स्थापना दिवस पर की बड़ी घोषणा (The government made a major announcement on the foundation day of EPFO)
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के 73वें स्थापना दिवस के अवसर पर केंद्र की मोदी सरकार ने कर्मचारियों और कंपनियों के फायदे के लिए एक ऐसी योजना की शुरुआत की है. जिसका लाभ कर्मचारियों के साथ-साथ नियोक्ताओं को भी होने वाला है. दरअसल, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री ने ‘Employee’s Enrolment Scheme-2025’ की शुरुआत की है. आइये इस योजना के क्या-क्या फायदे हैं और कौन-कौन इसका लाभ उठा सकते हैं.
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कब तक यह योजना होगी लागू? (When will this scheme be implemented?)
अगर इस योजना के प्रमुख उद्देश्य की बात करें तो स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहित करना और उन कर्मचारियों को EPF (भविष्य निधि) व्यवस्था में शामिल करना है जो अब तक इसके दायरे से बाहर थे. श्रम मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार ये ‘Employee’s Enrolment Scheme-2025’ को 1 नवंबर 2025 से 30 अप्रैल 2026 तक यानी छह महीने के लिए लागू किया गया है. इस समयावधि के दौरान नियोक्ता उन पात्र कर्मचारियों को EPFO पोर्टल के माध्यम से रजिस्टर करा सकेंगे, जिन्हें 1 जुलाई 2017 से 31 अक्टूबर 2025 के बीच EPF कवरेज से बाहर रखा गया था.
एम्प्लायर को होगा लाभ (Employer will benefit)
जानकारी सामने आ रही है कि इस योजना के तहत एम्प्लायर को बड़ा लाभ दिया गया है. अगर किसी कर्मचारी का कर्मचारी अंशदान (employee share) पहले नहीं काटा गया था, तो उसे अब माफ कर दिया जाएगा. एम्प्लायर को केवल अपना हिस्सा (employer contribution), ब्याज (धारा 7Q के तहत), प्रशासनिक शुल्क, और 100 रुपये का सांकेतिक दंड (symbolic penalty) देना होगा. यह 100 रुपये का जुर्माना प्रति प्रतिष्ठान के हिसाब से होगा और इसे तीनों EPF योजनाओं में पूर्ण अनुपालन माना जाएगा. मंत्रालय ने इसे एक पारदर्शी और सरल कदम बताया है, जिससे स्वैच्छिक भागीदारी बढ़ने की उम्मीद है.
जांच का सामना कर रहे कंपनियों को भी होगा लाभ (Companies facing investigations will also benefit)
इसको लेकर सरकार ने स्पष्ट किया है कि जो प्रतिष्ठान धारा 7A, पैरा 26B या पैरा 8 (EPS-1995) के तहत जांच का सामना कर रहे हैं, वे भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. इन पर केवल 100 रुपये का प्रतीकात्मक दंड लगाया जाएगा. इसके अलावा, EPFO ऐसे प्रतिष्ठानों के खिलाफ स्वतः कोई कार्रवाई (suo-moto action) नहीं करेगा. इस कदम से एम्प्लायर को राहत मिलने के साथ-साथ पुरानी अनुपालनों (past compliances) को नियमित करने का मौका भी मिलेगा.
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