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Diwali Muhurat Trading 2025: निवेशकों के लिए क्यों खास होता दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग? जानें पूरी डिटेल

Diwali Muhurat Trading 2025:मुहूर्त ट्रेडिंग संस्कृति और वित्तीय बाजारों का मेल है. पारंपरिक रूप से, ट्रेडर्स अपने खाते की पूजा (चोपड़ा पूजन) करते हैं और उसके बाद पहला ऑर्डर देते हैं.

Published by Divyanshi Singh

Diwali Muhurat Trading 2025:भारत दीपावली 2025 की तैयारी कर रहा है, और इस बार स्टॉक एक्सचेंज मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र के लिए खास तैयारी कर रहे हैं. इस साल एक बड़ा बदलाव हुआ है. दशकों बाद पहली बार, यह ट्रेडिंग घंटे शाम की बजाय दोपहर में होगा.

मुहूर्त ट्रेडिंग क्या है?

मुहूर्त ट्रेडिंग दीपावली के दिन एक खास एक घंटे का स्टॉक मार्केट सत्र होता है “मुहूर्त” का मतलब शुभ समय होता हैऔर इसे हिंदू कैलेंडर में नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत माना जाता है.

BSE और NSE इस दौरान अपने टर्मिनल खोलते हैं, जबकि बाकी दिन मार्केट बंद रहता है. इस सत्र में किए गए ट्रेड असली होते हैं और उनका निपटान भी सामान्य होता है. लेकिन कई निवेशक इसे आधिकारिक या लंबी अवधि के निवेश के रूप में देखते हैं, न कि त्वरित लाभ के लिए.

मुहूर्त ट्रेडिंग 2025: तारीख और समय

इस साल मुहूर्त ट्रेडिंग मंगलवार, 21 अक्टूबर 2025 को होगी. प्री-ओपन सत्र 1:30 बजे से 1:45 बजे तक रहेगा, उसके बाद मुख्य ट्रेडिंग 1:45 बजे से 2:45 बजे तक होगी. क्लोजिंग सत्र 3:05 बजे तक चलेगा.

शाम की बजाय दोपहर में होना बड़ा बदलाव है क्योंकि पहले मुहूर्त ट्रेडिंग लगभग 6 बजे शाम को होती थी. 2025 में यह एक घंटा दीपावली के दिन मार्केट खुला रहने का एकमात्र समय होगा.

दोपहर का समय केवल व्यवस्था का सवाल नहीं है. इससे ऑपरेशन्स आसान होंगे, मार्केट सिस्टम पर दबाव कम होगा, और नए क्लियरिंग और सेटलमेंट नियमों के साथ मेल खाएगा. साथ ही, यह उन ट्रेडर्स के लिए बेहतर है जो शाम को पूजा-पाठ करते हैं और NRIs व ग्लोबल निवेशकों के लिए भी सुविधाजनक है.

दोपहर का समय यूरोप और मध्य पूर्व के कामकाजी समय के साथ भी बेहतर मेल खाता है, जिससे और लोग हिस्सा ले सकेंगे.

इस बदलाव से कुछ अनिश्चितताएं भी हैं. मार्केट की तरलता और उतार-चढ़ाव पर असर हो सकता है, और जो निवेशक शाम के समय ट्रेडिंग को पारंपरिक मानते हैं, उन्हें इसे अपनाने में थोड़ा समय लगेगा.

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निवेशकों को कैसे तैयारी करनी चाहिए?

जो लोग इस दीपावली ट्रेडिंग में हिस्सा लेना चाहते हैं, उन्हें अच्छी तैयारी करनी चाहिए. अपने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट को चालू रखें और ब्रोकर्स से ऑर्डर देने की अंतिम तारीख और पंजीकरण के बारे में जानकारी लें.

प्री-चुनिंदा बड़ी और अच्छी कंपनी के स्टॉक्स पर ध्यान दें, जिनकी नींव मजबूत हो और जिनमें ट्रेडिंग अच्छी हो. इस छोटे सत्र में लिमिट ऑर्डर देना बेहतर होगा, और बिना सोच-विचार के ज्यादा ट्रेडिंग या जोखिम से बचना चाहिए.

कई अनुभवी निवेशक इसे एक शुभ संकेत के तौर पर देखते हैं, ताकि नए साल की शुरुआत सकारात्मक तरीके से हो, न कि त्वरित मुनाफा कमाने के लिए.

मुहूर्त ट्रेडिंग का महत्व

मुहूर्त ट्रेडिंग संस्कृति और वित्तीय बाजारों का मेल है. पारंपरिक रूप से, ट्रेडर्स अपने खाते की पूजा (चोपड़ा पूजन) करते हैं और उसके बाद पहला ऑर्डर देते हैं. यह निवेशकों को नए साल की शुरुआत का मौका देता है, रणनीतिक रूप से पैसा लगाने और लंबी अवधि के लिए निवेश का संकल्प लेने का.

मुहूर्त ट्रेडिंग का अच्छा माहौल मार्केट की सकारात्मक भावना दर्शाता है, जबकि कम गतिविधि सतर्कता की ओर संकेत करती है. यह परंपरा यह भी याद दिलाती है कि भारत के बाजार संस्कृति और मजबूती दोनों से जुड़े हैं.

लेकिन इस शुभ समय में भी मार्केट के नियम लागू होते हैं. कीमतें तेज़ी से बदल सकती हैं, ट्रेडिंग कम हो सकती है, और बोली-पूछ में अंतर बढ़ सकता है. निवेशकों को संयम रखना चाहिए, कैश का इंतजाम रखना चाहिए, और सिर्फ शुभ समय पर भरोसा करके मुनाफे की उम्मीद नहीं करनी चाहिए.

मुहूर्त ट्रेडिंग 2025, जो 21 अक्टूबर को दोपहर 1:45 बजे से 2:45 बजे तक होगी, परंपरा और बदलाव का अनूठा मेल है. दोपहर में शिफ्ट होने से नई चुनौतियां और अवसर आएंगे.

निवेशकों को इस सत्र को सोच-समझ कर, धैर्य और सावधानी से लेना चाहिए और इसे नए साल की शुरुआत के लिए एक रणनीतिक अवसर मानना चाहिए, न कि केवल एक त्वरित मुनाफा पाने का मौका.

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