बिहार के सारण ज़िले (छपरा) के रहने वाले 21 वर्षीय जय प्रकाश यादव (जेपी यादव) आज भारत के डिजिटल एंटरटेनमेंट जगत में एक मिसाल बन चुके हैं. एक कुशल कॉमेडियन और लेखक के रूप में जेपी ने भोजपुरी संस्कृति को आधुनिक रंग देकर अपनी एक अलग पहचान बनाई है.
साधारण पृष्ठभूमि और असाधारण संघर्ष
जेपी यादव का यहाँ तक पहुँचने का सफर आसान नहीं था. एक लोअर-मिडल क्लास परिवार से आने वाले जेपी के पिता कंस्ट्रक्शन वर्कर हैं और माँ मीरा देवी हाउसवाइफ हैं. घर की आर्थिक स्थिति ऐसी है कि जेपी ही अपने परिवार में अकेले कमाने वाले सदस्य हैं.
शुरुआत में जब उन्होंने वीडियो बनाना शुरू किया, तो उनके पास न तो कोई स्टूडियो था और न ही महंगे उपकरण. उन्होंने अपने ऑफिस की छत पर एक पर्दा लगाकर मोबाइल फोन से शूटिंग शुरू की. जहाँ उनके पिता चाहते थे कि वे पढ़ाई पर ध्यान दें, वहीं उनकी माँ ने उनके हुनर को पहचाना और पिता को जेपी को कंटेंट क्रिएटर बनने की अनुमति देने के लिए मनाया.
मज़ाक से ‘सिल्वर प्ले बटन’ तक का सफर
आज जेपी यादव के पास यूट्यूब की तरफ से दो सिल्वर प्ले बटन हैं, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब उनके जिले के कुछ लोग उनका मज़ाक उड़ाते थे. साल 2019 में जब उन्होंने बेरोज़गारी जैसे गंभीर मुद्दे पर एक व्यंग्यात्मक वीडियो बनाया, तब उन्हें पहली बार बड़ी पहचान मिली. आज वही लोग जो मज़ाक उड़ाते थे, उनकी सफलता की तारीफ करते नहीं थकते.
‘द जेपी यादव शो’: देसी तड़का और सामाजिक सरोकार
उनका यूट्यूब चैनल, ‘द जेपी यादव शो’, अब लोकप्रियता की नई बुलंदियों पर है। सितंबर 2025 तक इस चैनल ने 1.15 मिलियन सब्सक्राइबर्स का आँकड़ा पार कर लिया है. उनके वीडियो केवल हंसी-मजाक तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे शराबबंदी, बेरोजगारी, गांव की राजनीति और शादियों के ड्रामे जैसे ज़मीनी मुद्दों पर गहरी चोट करते हैं. जेपी का अंदाज ‘द कपिल शर्मा शो’ की याद दिलाता है, लेकिन सेलिब्रिटी ग्लैमर के बजाय वे स्थानीय मुद्दों और भोजपुरी संस्कृति की बारीकियों पर फोकस करते हैं.
टीम और पहचान
इस सफर में उन्हें हरिओम यादव और प्रिंस यादव जैसे कलाकारों का शानदार साथ मिलता है. एक रोचक तथ्य यह भी है कि उनके ‘यादव’ सरनेम के कारण लोग अक्सर उन्हें बिहार के रसूखदार राजनीतिक परिवार से जोड़ते हैं, लेकिन जेपी का लालू प्रसाद यादव या तेज प्रताप यादव के परिवार से कोई संबंध नहीं है. उनके शो में दिखने वाले राजनीतिक संदर्भ और मिमिक्री पूरी तरह व्यंग्यात्मक होते हैं.
एक डिजिटल क्रांति
आज जेपी यादव थ्रेड्स और यूट्यूब पर एक ‘वायरल सेंसेशन’ हैं. प्रशंसकों के बीच वे “भोजपुरी कपिल शर्मा” के नाम से मशहूर हैं. उनकी सफलता यह साबित करती है कि अगर प्रतिभा और इरादा पक्का हो, तो एक छोटे से गांव की छत से भी पूरी दुनिया को हंसाया जा सकता है. ‘द जेपी यादव शो’ महज मनोरंजन नहीं, बल्कि बिहार की वह ऑनलाइन कॉमेडी क्रांति है, जिसने ग्रामीण भारत की कहानियों को मुख्यधारा में ला खड़ा किया है.

