बिहार की राजनीति हमेशा से देशभर में चर्चा का विषय रही है. कभी नेताओं की वाकपटुता, तो कभी उनके फैसलों की वजह से. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिन्होंने राज्य की बागडोर संभाली, उनकी पढ़ाई-लिखाई कैसी रही? कौन थे वो मुख्यमंत्री जो ऊँची डिग्रियों से सुसज्जित थे, और कौन से ऐसे नेता थे जिन्होंने बिना किसी औपचारिक शिक्षा के भी जनता का दिल जीत लिया? आज जब बिहार फिर से चुनावी रंग में रंगा है, तो चलिए जानें. बिहार के मुख्यमंत्रियों की डिग्रियों की दिलचस्प कहानी, जो बताती है कि लीडरशिप केवल किताबों की नहीं, अनुभव और समझ की भी परीक्षा होती है.
सभी 22 मुख्यमंत्रियों की शिक्षा
- श्री कृष्ण सिंह – स्नातक, पटना विश्वविद्यालय
- दीप नारायण सिंह – विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं
- बिनोदानन्द झा – कलकत्ता विश्वविद्यालय, केंद्रीय कलकत्ता कॉलेज (अब मौलाना आज़ाद कॉलेज)
- कृष्ण बल्लभ सहाय – इंग्लिश ऑनर्स, सेंट कोलंबियाज कॉलेज, हजारीबाग (1919)
- महामाया प्रसाद सिन्हा – पटना कॉलेजिएट स्कूल और पटना यूनिवर्सिटी
- सतीश प्रसाद सिंह – बी.एससी., डीजे कॉलेज, मुंगेर
- बी. पी. मंडल – अंग्रेजी ऑनर्स, पटना कॉलेज
- भोला पासवान शास्त्री – ‘शास्त्री’ उपाधि, दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय
- हरिहर सिंह – विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं
- दारोगा प्रसाद राय – विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं
- कर्पूरी ठाकुर – मैट्रिक (फर्स्ट डिवीजन), उच्च शिक्षा सी.एम. कॉलेज, दरभंगा
- केदार पांडेय – एम.ए. और एल.एल.बी., बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
- डॉ. जगन्नाथ मिश्रा – बी.ए. (ऑनर्स), एम.ए. (अर्थशास्त्र), पीएच.डी. (लोक वित्त), बिहार विश्वविद्यालय
- राम सुंदर दास – एम.ए. (संस्कृत), आचार्य – साहित्य
- चंद्रशेखर सिंह – एम.ए., इलाहाबाद विश्वविद्यालय
- बिंदेश्वरी दुबे – बीटेक ड्रॉप आउट, बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (अब एनआईटी पटना)
- भागवत झा आजाद – एम.ए., भागलपुर विश्वविद्यालय
- सत्येंद्र नारायण सिन्हा – विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं
- लालू प्रसाद यादव – एल.एल.बी. और राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री, पटना विश्वविद्यालय
- राबड़ी देवी – प्रारंभिक शिक्षा (5वीं पास)
- नीतीश कुमार – बी.टेक. (इंजीनियरिंग), बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (अब एनआईटी पटना)
- जीतन राम मांझी – स्नातक (इतिहास), गया कॉलेज (1967)
बिहार के अब तक के सबसे पढ़े-लिखे मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्रा रहे हैं, जिन्होंने अर्थशास्त्र में पीएच.डी. की डिग्री हासिल की थी और वे एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद् के रूप में भी जाने जाते थे।
बिहार के अब तक के सबसे कम पढ़े-लिखे मुख्यमंत्री राबड़ी देवी रही हैं, जिनकी औपचारिक शिक्षा बेहद प्रारंभिक स्तर तक (मैट्रिक पास नहीं) थी।

