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जापान में गहराया राजनीतिक संकट, शिगेरु इशिबा के PM पद छोड़ने का ऐलान…जाने इसकी इनसाइड स्टोरी?

Japan Political Crisis: पीएम शिगेरु इशिबा का 11 महीने का कार्यकाल अभी बचा हुआ है। लेकिन उससे पहले ही उन्होंने पार्टी की अंतर्कलह के चलते ये कदम उठायी है।

Published by Shubahm Srivastava

Japan Political Crisis: जापान में उस वक्त हड़कंप मच गई जब वहां के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया। इशिबा ने ये कदम ऐसे समय में उठाया है जब जापान और अमेरिका के बीच टैरिफ वार्ता चल रही है। चुनाव में हारने के बाद इशिबा की सरकार डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के हाथों में चली गई है।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए इशिबा ने कहा कि, “मैंने हमेशा कहा है कि मैं उचित समय पर निर्णय लूंगा। अमेरिकी टैरिफ़ वार्ता एक निश्चित चरण पर पहुँच गई है, मेरा मानना ​​है कि अब सही समय है,” उन्होंने द जापान टाइम्स के हवाले से कहा। “मैंने अगली पीढ़ी को रास्ता देने का फैसला किया है।”

ये बताते चलें की अमेरिकी के टैरिफ को इशिबा ने ‘राष्ट्रीय संकट’ करार दिया था। द जापान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि, मैंने अगली पीढ़ी को रास्ता देने का फैसला किया है।

इशिबा के इस्तीफा देने के पीछे की वजह

बता दें कि इशिबा का 11 महीने का कार्यकाल अभी बचा हुआ है। लेकिन उससे पहले ही उन्होंने पार्टी की अंतर्कलह के चलते ये कदम उठायी है। 68 वर्षीय इशिबा ने पिछले अक्टूबर में एलडीपी अध्यक्ष पद पर अपने पांचवें प्रयास में जीत हासिल करने के बाद पदभार संभाला था, लेकिन फिर निचले सदन के चुनावों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उन्हें पार्टी को स्थिर करने में संघर्ष करना पड़ा।

इसी कड़ी में एलडीपी के वरिष्ठ नेताओं और प्रतिद्वंद्वियों की तरफ से उनके लिए विरोध बढ़ता चला गया। इसके बाद पहले पार्टी महासचिव हिरोशी मोरियामा का इस्तीफा देना और फिर पार्टी के ताकतवर नेता कृषि मंत्री शिंजिरो कोइज़ुमी और पूर्व प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा का इशिबा से पद छोड़ने का आग्रह करना, उनकी स्थिती को और भी कमजोर कर दिया। वहीं 160 से ज़्यादा सांसदों ने चुनाव को समय से पहले कराने का समर्थन किया।

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जापान में अब आगे क्या होगा?

प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के इस्तीफे के बाद जापान में अगला पीएम बनने की रेस में कई लिए कई लोगों का नाम सामने आ रहा है, जिनमें सबसे आगे रूढ़िवादी पूर्व आर्थिक सुरक्षा मंत्री, साने ताकाइची हैं, जो पिछले साल चुनाव हार जाने के बाद फिर से चुनाव लड़ सकते हैं। इसके अलावा 
मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी और पूर्व मंत्री ताकायुकी कोबायाशी भी इस दौड़ में शामिल हो सकते हैं।

बता दें कि जो कोई भी अगला पीएम बनता है। उसे कानून पारित करने के लिए विपक्षी दलों के साथ मिलकर काम करना होगा या फिर गतिरोध का जोखिम उठाना होगा। 

वैसे बता दें कि इस वक्त जापान की आर्थिक स्थिति सही नहीं है। अमेरिकी ऑटो टैरिफ अभी भी बड़ी परेशानी बना हुआ है। अगर इसे समय रहते सुलझाया नहीं गया तो निवेशकों को डर है कि आगे की अस्थिरता बाजारों को अस्थिर कर सकती है, क्योंकि येन और सरकारी बॉन्ड पहले से ही दबाव में हैं।

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Shubahm Srivastava

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