Categories: विदेश

त्रिनिदाद और टोबैगो में भोजपुरी की गूंज, PM Modi का हुआ ऐसा स्वागत, देख हर बिहारी का सीना हो जाएगा चौड़ा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पारंपरिक अंदाज में गर्मजोशी से स्वागत किया गया, जहां उनका स्वागत पारंपरिक भोजपुरी चौताल की सांस्कृतिक प्रस्तुति के साथ किया गया।

Published by Divyanshi Singh

PM Modi Trinidad Tobago Visit:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो की अपनी यात्रा पर पोर्ट ऑफ स्पेन पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पारंपरिक अंदाज में गर्मजोशी से स्वागत किया गया, जहां उनका स्वागत पारंपरिक भोजपुरी चौताल की सांस्कृतिक प्रस्तुति के साथ किया गया। प्रधानमंत्री के तौर पर यह मोदी की इस कैरेबियाई देश की पहली आधिकारिक यात्रा है और वर्ष 1999 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा भी है।

भोजपुरी की धूम

प्रधानमंत्री ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘त्रिनिदाद और टोबैगो में भोजपुरी चौताल की गूंज!’ इस संदेश के जरिए उन्होंने वहां के भारतीय मूल के लोगों के सांस्कृतिक जुड़ाव और आतिथ्य की सराहना की। अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो में बसे भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात की और देश के विकास में उनके योगदान की सराहना की। 

पीएम मोदी ने पोस्ट करते हुए भोजपुरी में लिखा कि ‘एगो अनमोल सांस्कृतिक जुड़ाव ! बहुत खुशी भइल कि पोर्ट ऑफ स्पेन में हम भोजपुरी चौताल प्रस्तुति के प्रदर्शन देखनी। त्रिनिदाद एंड टोबैगो आ भारत, खास करके पूर्वी यूपी आ बिहार के बीच के जुड़ाव उल्लेखनीय बा।’

Related Post

द्विपक्षीय संबंध

प्रधानमंत्री की यह यात्रा न केवल भारत और त्रिनिदाद और टोबैगो के बीच द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाई दे रही है, बल्कि वैश्विक मंच पर भारतीय संस्कृति और प्रवासी भारतीयों की भूमिका को भी उजागर कर रही है। आपको बता दें कि पीएम मोदी ग्लोबल साउथ को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी सिलसिले में वह पांच देशों की यात्रा पर हैं।

40-45% लोग भारतीय मूल के लोग

त्रिनिदाद की जनसंख्या 1.36 मिलियन है, जिसमें 40-45% लोग भारतीय मूल के हैं, और देश की वर्तमान राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू और प्रधान मंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर, दोनों ही भारतीय मूल की महिलाएं हैं, जो अपनी जड़ों पर गर्व करती हैं और खुद को ‘भारत की बेटियां’ कहती हैं।

30 मई 1845 को जब ‘फतेल रजाक’ नामक जहाज 225 भारतीय मजदूरों को लेकर त्रिनिदाद के तट पर पहुंचा तो किसी ने नहीं सोचा था कि ये मजदूर एक दिन इस देश की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक पहचान का अभिन्न अंग बन जाएंगे। इन लोगों को अंग्रेज उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के ग्रामीण इलाकों से गन्ने के खेतों में काम करने के लिए यहां लाए थे। कठिन परिस्थितियों, भाषाई बाधाओं और सांस्कृतिक अलगाव के बावजूद इन भारतीयों ने अपनी मेहनत, लगन और सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखा। आज उनके वंशज, जो पांचवीं और छठी पीढ़ी में हैं, त्रिनिदाद और टोबैगो की आबादी का लगभग आधा हिस्सा बनाते हैं।

इन प्रवासियों ने न केवल आर्थिक विकास में योगदान दिया, बल्कि अपनी सांस्कृतिक पहचान भी बनाए रखी। होली, दिवाली, रामलीला और भोजपुरी लोक संगीत आज त्रिनिदाद की संस्कृति का हिस्सा हैं।

भारत के खिलाफ नई साजिश रच रहा पाकिस्तान, सामने आई सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ खुलासा, आखिर क्या है आसिम मुनीर की चाल?

Divyanshi Singh
Published by Divyanshi Singh

Recent Posts

Video: पाकिस्तान की संसद में घुसा गधा, हर तरफ मच गया हड़कंप; वायरल वीडियो ने सोशल मीडिया में मचाई सनसनी

Pakistan donkey viral video: सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी संसद का एक वीडियो वायरल हो रहा…

December 6, 2025

The Girlfriend Movie OTT Release: कॉलेज लाइफ शुरू करने से पहले ज़रूर देखें ये फ़िल्म! वरना कर सकते हैं बहुत बड़ी गलती

कॉलेज लाइफ में कदम रखने वाले स्टूडेंट्स के लिए एक ज़रूरी फ़िल्म ‘The Girlfriend’. प्यार,…

December 5, 2025

भगवान का पैसा खाकर मोटे हो रहे थे बैंक? सुप्रीम कोर्ट ने मारा करारा तमाचा! जानिए क्या है पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया कि मंदिर का पैसा सिर्फ देवता का है. जिसके…

December 5, 2025

World Dirtiest Cities: तेल, धुआं और गंदगी…ये हैं दुनिया के 5 सबसे गंदे शहर! लिस्ट में टॉप पर है इस देश की राजधानी

World Pollution Ranking Cities: इन शहरों में प्रशासन की उदासीनता, औद्योगिक कचरे का गलत प्रबंधन…

December 5, 2025