Elon Musk On Trump: एलन मस्क ने एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों की खुलकर आलोचना की है। उन्होंने ट्रंप प्रशासन द्वारा प्रस्तावित नए कर और खर्च बिल को अमेरिका के लिए पागलपन भरा और विनाशकारी बताया है। उन्होंने कहा कि इस ड्राफ्ट बिल से अमेरिका को गंभीर नुकसान होगा और लाखों नौकरियां खत्म हो जाएंगी। कभी ट्रंप के करीबी सहयोगियों में शामिल रहे मस्क अब खुलकर ट्रंप की नीतियों की आलोचना कर रहे हैं।
क्या है इस बिल में?
दरअसल, ट्रंप प्रशासन द्वारा लाए जा रहे इस बिल में कई ऐसे प्रावधान हैं, जो अमेरिका के मौजूदा सामाजिक और आर्थिक ढांचे पर गहरा असर डाल सकते हैं। मेडिकेड और फूड स्टैंप जैसे सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों में भारी खर्च में कटौती। रक्षा और सुरक्षा बजट में बड़ी बढ़ोतरी जैसे कि यूएस-मेक्सिको सीमा की दीवार को बढ़ाने के लिए 46 बिलियन डॉलर, 1 लाख प्रवासी डिटेंशन बेड के लिए 45 बिलियन डॉलर, 10,000 नए आईसीई अधिकारियों की भर्ती, जिनके लिए 10,000 डॉलर का साइनिंग बोनस। 350 बिलियन डॉलर की सीमा और राष्ट्रीय सुरक्षा योजना का हिस्सा आदि।
एलन मस्क ने क्या कहा?
एलन मस्क का मानना है कि यह बिल अमेरिका की भविष्य की तकनीक और उद्योगों के लिए घातक हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक भविष्य के उद्योगों की कीमत पर पुराने उद्योगों को रियायतें देता है। इस बयान के जरिए उन्होंने संकेत दिया कि यह विधेयक प्रौद्योगिकी, हरित ऊर्जा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे तेजी से उभरते उद्योगों के विकास में बाधा बन सकता है।
ट्रंप ने अपने सांसदों को दिया आदेश
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रिपब्लिकन सांसदों को 4 जुलाई के राष्ट्रीय अवकाश से पहले सीनेट और सदन में इस विधेयक को पारित करवाने का आदेश दिया है। चूंकि दोनों सदनों में रिपब्लिकन का बहुमत है, इसलिए ट्रंप इसे अपना सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने इस विधेयक को अपनी ‘अमेरिका फर्स्ट’ रणनीति का हिस्सा बताया है, जिसमें देश की सीमाओं को मजबूत करना, अवैध अप्रवासियों को हटाना और सुरक्षा पर खर्च बढ़ाना मुख्य लक्ष्य हैं।
हर साल 10 लाख अप्रवासियों को निर्वासित करने की योजना
इस विधेयक का सबसे विवादास्पद पहलू ट्रंप का हर साल 10 लाख लोगों को अमेरिका से निष्कासित करने का वादा है। यह अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा निर्वासन अभियान होगा। हालांकि, इस योजना की आलोचना भी बढ़ रही है। मस्क की तरह कई उद्योगपतियों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और कुछ रिपब्लिकन सांसदों ने भी इस पर चिंता जताई है।

