India Caste Conflict: उत्तर प्रदेश के इटावा में यादव कथावाचकों के साथ बदसलूकी और मारपीट के मामले ने पूरे देश को झंझोर कर रख दिया है। वहीँ कथावाचनमालमे में अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसी बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष इस मामले को लेकर राजनीति में जुट गया है। इसी बीच एक महिला भी जातिवाद का शिकार हुआ। दरअसल, इटावा का दंदरपुर पूरे देश में मशहूर है। इस गांव की रहने वाली रेनू दुबे पास के ही एक निजी स्कूल में शिक्षिका के पद पर कार्यरत थीं। कथावाचकों के साथ हुई बदसलूकी के पूरा यादव समाज आक्रोश में है।
गाँव का नाम सुनते ही भड़के यादव लोग
दरअसल, इटावा के महेवा ब्लॉक के दंडरपुर गांव में रहने वाली एक विधवा टीचर रेनू दुबे कथावाचकों के साथ हुई घटना से बेहद आहत हैं। कथावाचकों के साथ हुई बदसुलूकी का वीडियो सोशल मीडिया पर अब पानी की तरह फ़ैल चूका है। वहीँ इसी बीच रेनू दुबे अपने स्कूल पहुंचीं, जहां से उन्हें खितौरा गांव भेज दिया गया। जब रेनू वहां पहुंचीं तो वहां मौजूद यादव समाज के लोगों ने उनके साथ बदसुलूकी की। इस दौरान कुछ लोगों ने महिला से उनका नाम और गांव पूछा। इस दौरान महिला ने अपना नाम रेनू दुबे बताया वैसे ही जब महिला ने अपने गांव का नाम बताया वैसे ही लोग भड़क उठे। उसने बताया कि में दंडरपुर गाँव से हूँ। इसके बाद यादव समाज के लोगों ने महिला से कहा कि आपके गांव में ब्राह्मणों द्वारा जो घटना घटी है, वह बहुत गलत है।
महिला के साथ की बदसुलूकी
इस दौरान लोगों ने महिला से पूछा कि अगर हम आपकी चोटी काट दें तो आपको कैसा लगेगा। इसके बाद जब रेनू तिवारी अपने घर पहुंची तो उसने अपने परिजनों को इस घटना की जानकारी दी। मीडिया को इस बात की जानकारी होने के बाद एक क्षेत्रीय अखबार ने इस खबर को प्रकाशित किया। जब स्कूल प्रबंधक जो यादव समुदाय से हैं, को इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने रेनू दुबे को फोन करके साफ कह दिया कि अब आपको स्कूल आने की जरूरत नहीं है। इसके बाद से रेनू दुबे और उनकी 12 साल की बेटी स्कूल नहीं जा रही हैं। अब रेनू दुबे के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।