Chinese Mars 0rbiter Tianwen-1: चीनी मार्स ऑर्बिटर तियानवेन-1 ने धूमकेतु 3I/एटलस की पहली क्लोज-अप तस्वीरें खींची हैं, जब यह अक्टूबर 2025 में लाल ग्रह के पास से गुज़रा था. इन तस्वीरों से क्या खुलासा हो रहा है. चीनी मार्स ऑर्बिटर तियानवेन-1 ने अपने कैमरे में ऐसा क्या कैद कर लिया है. जिसकी पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है. दरअसल इन तस्वीरों के सामने आने के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं कि ये एलियन स्पेसशिप है. लेकिन ये तस्वीरें एक चमकदार लेकिन हल्की धूमकेतु की न्यूक्लियस दिखाती हैं जो एक चमकते कोमा से घिरा हुआ है, जो इस दुर्लभ इंटरस्टेलर मेहमान के बारे में नई जानकारी देता है.
कब हुई थी इसकी खोज?
जानकारी सामने आ रही है कि धूमकेतु 3I/एटलस जिसके बारे में कहा जा रहा है कि ये हमारे सौर मंडल से गुजरने वाला तीसरा कन्फर्म इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट है. इसकी पहली बार 1 जुलाई, 2025 को चिली में एस्टेरॉयड टेरेस्ट्रियल-इम्पैक्ट लास्ट अलर्ट सिस्टम (ATLAS) द्वारा खोजा गया था. सूरज से बंधे न होने वाले रास्ते पर चलते हुए 3I/एटलस 3 अक्टूबर को मंगल ग्रह के पास से गुज़रा, ग्रह से लगभग 28 मिलियन किलोमीटर (0.19 AU) की दूरी पर आया, और फिर सौर मंडल से बाहर अपनी यात्रा जारी रखी.
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सोशल मीडिया पर शुरू हुई चर्चा
मंडल के बाहर से आए इस ऑब्जेक्ट ने इसके एलियन होने के बारे में ऑनलाइन काफी चर्चा पैदा कर दी है, क्योंकि नासा ने अभी तक कोई साफ जवाब नहीं दिया है. नासा के कई स्पेसक्राफ्ट ने भी तस्वीरें खींची हैं जो शायद अमेरिकी सरकार का शटडाउन खत्म होने के बाद जारी की जाएंगी. चीन का तियानवेन-1 स्पेसक्राफ्ट, जो 2021 से मंगल ग्रह की परिक्रमा कर रहा है, अपनी बहुत ज्यादा हल्की चमक के कारण आने वाली ऑब्ज़र्वेशन की चुनौतियों के बावजूद धूमकेतु की तस्वीरें लेने में कामयाब रहा, यह मंगल ग्रह के सामान्य इमेजिंग टारगेट से हज़ारों गुना ज़्यादा हल्का था.
कितना चौड़ा है ये कोमा?
तस्वीरों में एक ठोस बर्फीले न्यूक्लियस के चारों ओर एक चमकदार कोमा दिखाई देता है, जो कई सौ मीटर से लेकर एक किलोमीटर से भी कम चौड़ा है. धूमकेतु का हाइपरबोलिक रास्ता और एक्टिव गैस उत्सर्जन इसे सौर मंडल में बनने वाले आम धूमकेतुओं से अलग करता है. मंगल ग्रह से किए गए ऑब्ज़र्वेशन पृथ्वी पर आधारित टेलीस्कोप और यूरोपियन स्पेस एजेंसी के एक्सोमार्स ट्रेस गैस ऑर्बिटर और नासा के हबल और वेब स्पेस टेलीस्कोप जैसे ऑर्बिटर से किए गए ऑब्ज़र्वेशन को पूरा करते हैं.
इन तस्वीरों से क्या आती है याद?
दुनिया भर के वैज्ञानिक दूसरे तारों के चारों ओर बने मटीरियल का अध्ययन करने के इस दुर्लभ अवसर से उत्साहित हैं, जिससे हमारे अपने सौर मंडल से परे ग्रहों के सिस्टम के बनने पर रोशनी पड़ती है. तियानवेन-1 की तस्वीरें मंगल ग्रह की खोज और इंटरस्टेलर विज्ञान में चीन की बढ़ती भूमिका की पुष्टि करती हैं, और मंगल ग्रह के नज़रिए से महत्वपूर्ण दृष्टिकोण प्रदान करती हैं. एलियन स्पेसशिप से बहुत दूर, धूमकेतु 3I/एटलस का भूतिया रूप गहरे अंतरिक्ष से आया एक ब्रह्मांडीय संदेशवाहक है, जो मानवता को हमारे सौर मंडल से परे विशाल रहस्यों की याद दिलाता है.
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