Maldives Islamic History: मालदीव रबी-उल-आखिर की दूसरी तारीख़, यानी 25 जुलाई को इस्लाम धर्म अपनाने की 896वीं वर्षगांठ मनाता है। मालदीव का यह धर्म परिवर्तन सिर्फ़ एक धार्मिक परिवर्तन ही नहीं था, बल्कि इसने देश की संस्कृति, परंपराओं और शासन व्यवस्था को भी गहराई से प्रभावित किया। आपको जानकर हैरानी होगी की एक समय ऐसा भी था जब यहां पर बौद्ध धर्म का प्रचलन था। चलिए जानते हैं कि मालदीव ने इस्लाम कैसे अपनाया और यह उसकी पहचान का हिस्सा कैसे बना।
मालदीव में इस्लाम कौन लाया?
मालदीव में इस्लाम से पहले बौद्धों की संख्या बहुत ज़्यादा थी, इसलिए वहाँ बौद्ध धर्म का प्रचलन था। ऐसा माना जाता है कि बौद्ध धर्म तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में मालदीव आया था। आज भी मालदीव के कई द्वीपों पर बौद्ध स्तूपों और मठों के अवशेष मिलते हैं, जो उस समय की धार्मिक मान्यताओं को दर्शाते हैं। 12वीं शताब्दी में एक विद्वान और इस्लाम प्रचारक अबू अल-बरकत यूसुफ अल-बरबारी मालदीव पहुँचे थे।
अबू अल-बरकत यूसुफ अल-बरबारी कौन थे?
कुछ ऐतिहासिक स्रोतों के अनुसार, अल-बरबारी उत्तरी अफ्रीका से थे, जबकि अन्य का मानना है कि वे वर्तमान सोमालिया या ईरान से थे। उन्होंने तत्कालीन राजा धोवेमी को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया, जो बाद में सुल्तान मुहम्मद अल-आदिल के नाम से जाने गए।
मालदीव में इस्लाम धर्म के आगमन के बाद क्या हुआ?
इस्लाम धर्म अपनाने के बाद, मालदीव की संस्कृति, परंपराओं और शासन में एक बड़ा बदलाव आया। धार्मिक शिक्षा समाज में गहराई से समा गई, जिसका प्रभाव जीवनशैली से लेकर वास्तुकला तक हर जगह पड़ा।
इस्लामी शासन आने के बाद, मालदीव के न्यायिक और प्रशासनिक ढांचे में शरिया कानून को शामिल किया गया। कई शताब्दियों तक, मालदीव एक इस्लामी सल्तनत बना रहा। हालाँकि, 1968 में यह एक गणराज्य बन गया, लेकिन इस्लाम आज भी देश के संविधान और शासन का आधार है।
वर्तमान मालदीव
आज मालदीव एक इस्लामी राष्ट्र है, जहाँ इस्लाम को राजकीय धर्म का दर्जा प्राप्त है। मस्जिदें समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और धार्मिक परंपराएँ रोज़मर्रा के जीवन में एक प्रमुख भूमिका निभाती हैं।
मालदीव कई मुस्लिम पर्यटकों का पसंदीदा गंतव्य बन गया है। हालाँकि, हाल के वर्षों में, मालदीव को धार्मिक अतिवाद और सांस्कृतिक पहचान की सुरक्षा जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। सरकार एक संतुलित और परंपरा-आधारित इस्लामी जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है।

