Mughal Harem Secrets: मुगल बादशाहों को ‘हरम’ में एक से एक खूबसूरत महिलाओं को रखने का शौक था. हरम से जुड़े कई किस्से आज भी पूरे भारत में बिखरे पड़े हैं. बताते हैं कि हरम में अलग-अलग मुल्कों से खूबसूरत महिलाओं को लाकर रखा जाता था, इन सभी को हरम की चारदीवारी के अंदर ही रहना होता था. इन महिलाओं पर हुकूमत चलती तो सिर्फ बादशाह की, वो जैसा और जो चाहे उस हुक्म की तामील करना इन महिलाओं की जिम्मेदारी हुआ करती थी. हालांकि, मुग़ल काल में हरम में मौजूद इन महिलाओं की सुख सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाता था लेकिन इनके ऊपर कई किस्म की बंदिशें भी थोपी जाती थीं.
रखना होता था पवित्रता का ध्यान
इतिहासकारों की मानें तो हरम में मौजूद महिलाएं बादशाह की संपत्ति मानी जाती थीं. ऐसे में उन्हें अपना विशेष ध्यान रखना पड़ता था, इसमें सबसे जरूरी होता था पवित्रता का ध्यान रखना. यही वजह थी कि बादशाह के अलावा किसी भी और मर्द की एंट्री हरम और उसके आस-पास के इलाके में पूरी तरह से बैन थी. बताते हैं कि यदि कोई मर्द चोरी-छिपे हरम के आस-पास भी पहुंच जाए तो उसे फ़ौरन मौत की सजा सुना दी जाती थी. यहां तक कि हरम के अंदर भी एक फांसीघर बना होता था जिसमें हरम की उन महिलाओं को सजा दी जाती थी जो बाहरी मर्दों से संबंध बनाते पकड़ी जाती थीं.
कैसे होता था हरम की महिलाओं का इलाज
इतिहासकार बताते हैं कि हरम में वैसे तो बादशाह के अलावा किसी भी बाहरी शख्स के आने पर बैन था लेकिन यदि कोई बीमार हो जाए तो शाही चिकित्सक वहां जा सकता था. हालांकि, इसमें भी एक ट्विस्ट था, शाही चिकित्सक भले ही हरम में दाखिल हो सकता था लेकिन वो किसी भी महिला का दीदार नहीं कर सकता था क्योंकि इलाज उसे पर्दे के पीछे से ही करना पड़ता था.हरम की महिलाएं पर्दे के पीछे से हाथ बाहर निकालतीं तब ये चिकित्सक उनकी नब्ज टटोलकर ये बताता कि उन्हें क्या दिक्कत है. यानी यहां भी हरम की महिलाओं को ये आजादी नहीं थी कि वे चिकित्सक से आमने-सामने बैठकर बात कर पाएं और अपनी दिक्कत अकेले में साझा कर सकें.

