Viral Gemini AI Retro Saree Trend: आजकल इंस्टाग्राम पर AI से बनी साड़ी की तस्वीरों का एक नया ट्रेंड चल रहा है। लोग अपनी आम सेल्फी को एक खास ऐप की मदद से 90s के समय की किसी बॉलीवुड फिल्म के पोर्ट्रेट में बदल रहे हैं। इन तस्वीरों में लहराती शिफॉन की साड़ियां, खूबसूरत लाइटिंग और पुराने जमाने के बैकग्राउंड होते हैं, जो इन्हें एक अलग ही लुक देते हैं। यह ट्रेंड पुराने फैशन और नई टेक्नोलॉजी का एक मजेदार मिला-जुला रूप है, जिसे लोग बहुत पसंद कर रहे हैं।
यह तस्वीरें अक्सर इतनी असली लगती हैं कि सोशल मीडिया पर पोस्ट होते ही तुरंत वायरल हो जाती हैं। ये लोगों को एक पुराने फिल्मी सितारे की तरह दिखने का मौका देती हैं। लेकिन अगर आप इस ट्रेंड को गहराई से समझेंगे, तो आपको पता चलेगा कि इसमें कुछ ऐसे बड़े और खतरनाक खतरे छुपे हैं, जिनके बारे में ज्यादातर यूजर्स को जानकारी भी नहीं है। यह सिर्फ एक डिजिटल फैशन एक्सपेरिमेंट नहीं है, बल्कि आपकी प्राइवेसी के लिए एक बड़ा सवाल भी है।
डेटा प्राइवेसी का खतरा
भले ही AI से बनी यह तस्वीरें मनोरंजन के लिए अच्छी हों, लेकिन इन्हें बनाने की एक बड़ी कीमत आपकी प्राइवेसी होती है। जब आप अपनी सेल्फी किसी AI ऐप पर डालते हैं, तो आप सिर्फ एक फोटो नहीं दे रहे होते। आप अपनी चेहरे और बायोमेट्रिक जानकारी जैसी बहुत ही संवेदनशील जानकारी उस कंपनी को दे रहे होते हैं। इस डेटा का इस्तेमाल कंपनी अपने AI मॉडल को बेहतर बनाने और नए कंटेंट बनाने के लिए करती है।
एक बार यह डेटा दिए जाने के बाद, यह स्टोर किया जा सकता है, उसकी जाँच कि जा सकती है, और यह भी तय नहीं होता कि ऐप बंद करने के बाद आपकी जानकारी का क्या होगा। आज के समय में, जहाँ पहचान की चोरी और डीपफेक तकनीक का खतरा बढ़ रहा है, ऐसी जानकारी बिना सोचे-समझे देना एक बड़ा जोखिम है।
गलत जानकारी का बढ़ता खतरा
AI का बढ़ता इस्तेमाल एक और बड़ी समस्या को जन्म दे रहा है। इन्ही खतरो कि वजह से डिजिटल मीडिया पर लोगों का भरोसा कम होता जा रहा है। जैसे-जैसे AI से बनी तस्वीरें असली लगने लगी हैं, यह पहचानना मुश्किल हो रहा है कि क्या असली है और क्या नकली। इस तरह के नकली कंटेंट का इस्तेमाल गलत लोग कर सकते हैं। जो लोगों को बेवकूफ बनाने या किसी की पहचान चुराने या झूठी जानकारी फैलाने के लिए, इस तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
भले ही एक साड़ी की तस्वीर एक आम पोस्ट लगे, लेकिन यह नकली डिजिटल कंटेंट के प्रोडक्शन को आम बना रही है। यह गलत जानकारी को आसानी से फैलने में मदद करता है और उसे सच मान लिया जाता है। AI से बना एक मजेदार पोर्ट्रेट, जल्द ही एक मुसीबत बन सकता है, न सिर्फ उस व्यक्ति के लिए, बल्कि पूरे डिजिटल दुनिया के लिए।

