कार को साफ-सुथरा रखना हर मालिक की इच्छा होती है. अक्सर सवाल उठता है कि कार को महीने में कितनी बार धोना चाहिए, ताकि कार गंदी न लगे और उसकी चमक बनी रहे. यह सवाल खास इसलिए भी है क्योंकि अगर कार को सही समय पर नहीं धोया गया तो वह गंदी रह जाएगी और अगर बहुत ज्यादा धोया गया तो पेंट खराब हो सकता है. नई कार रखने वाले लोग इस बात को लेकर सबसे ज्यादा चिंतित रहते हैं.
एक्सपर्ट्स की राय में, कार को महीने में 2 से 4 बार धोना पर्याप्त होता है. इसका मतलब है कि आप हर हफ्ते या हर पंद्रह दिन में एक बार कार वॉश कर सकते हैं. बाकी दिनों में आप सिर्फ किसी साफ और सूखे कपड़े से कार को पोछकर उस पर जमी धूल हटा सकते हैं. हर रोज कार धोने की जरूरत नहीं होती.
मौसम और ड्राइविंग की आदतें भी मायने रखती हैं
कार धोने की फ्रीक्वेंसी केवल महीने के आधार पर तय नहीं होती. यह आपके रहने की जगह, ड्राइविंग की आदतें और मौसम पर भी निर्भर करता है. यदि आप ऐसी जगह रहते हैं जहां बारिश ज्यादा होती है या सड़कें अक्सर गंदी रहती हैं, तो कार को समय-समय पर धोना जरूरी होता है.
बारिश या जलभराव वाली सड़कों पर चलने के बाद मडगार्ड, दरवाजों के निचले हिस्सों और पहियों पर गंदगी जम जाती है. इसे समय पर साफ न करने से कार का पेंट खराब हो सकता है. साथ ही दरवाजों में फंसे पानी को निकालना भी जरूरी है, क्योंकि यह कार में रस्टिंग (जंग) का कारण बन सकता है.
अंदरूनी सफाई भी जरूरी है
कार की सफाई केवल बाहर से करना पर्याप्त नहीं है. अंदरूनी सफाई भी उतनी ही जरूरी है. अक्सर लोग इस बात को नजरअंदाज कर देते हैं. महीने में एक बार कार के इंटीरियर को भी साफ करना चाहिए.
डैशबोर्ड, सीटें और फ्लोर से धूल-मिट्टी हटाने से न केवल कार अंदर से अच्छी दिखती है बल्कि इसके अंदरूनी हिस्सों की लाइफ भी बढ़ती है. इसके लिए आप वैक्यूम क्लीनर का इस्तेमाल कर सकते हैं. साफ-सुथरे कैबिन वाली कार में बैठना ज्यादा आरामदायक होता है और सफर भी सुखद होता है.

