टीम इंडिया के नए हेड कोच गौतम गंभीर पर लीड्स टेस्ट में हार के बाद सोशल मीडिया और कुछ पूर्व खिलाड़ियों द्वारा जमकर निशाना साधा गया। यहां तक कि उन्हें जान से मारने की धमकियां भी मिलीं। हालांकि, अब उनके समर्थन में युवराज सिंह के पिता और पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह खुलकर सामने आए हैं।बर्मिंघम टेस्ट में भारत की जोरदार जीत के बाद योगराज सिंह ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा, “टीम अब अच्छा प्रदर्शन कर रही है। खिलाड़ियों को गाली देना, टीम से निकालने की बात करना या उनकी काबिलियत पर सवाल उठाना गलत है।” उन्होंने आगे कहा, “खिलाड़ी लगातार मेहनत करते हैं और देश के लिए खेलते हैं। अगर वे कभी हार भी जाएं, तो हमें उनका हौसला बढ़ाना चाहिए। उन्हें नीचा दिखाना ठीक नहीं है।”
गंभीर को बताया ईमानदार और समर्पित कोच
पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह ने गौतम गंभीर की तारीफ करते हुए कहा कि वे एक ईमानदार और समर्पित इंसान हैं, जो भारतीय क्रिकेट को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, “गंभीर, युवराज और राहुल द्रविड़ जैसे खिलाड़ी आज भी क्रिकेट को कुछ लौटाने की कोशिश कर रहे हैं। हमें इनका सम्मान करना चाहिए, ना कि बेवजह आलोचना करनी चाहिए।”
“जीत-हार खेल का हिस्सा है”
योगराज सिंह ने कहा कि मैच में जीत और हार खेल का हिस्सा होती है। उन्होंने कहा, “अगर हमारी टीम हार जाए, तो हमें यह कहना चाहिए कि कोई बात नहीं, अगली बार और अच्छा खेलेंगे। और अगर टीम जीत जाए तो फिर आलोचना की कोई जरूरत नहीं रह जाती। बात बस इतनी सी है।”
रचनात्मक आलोचना जरूरी, लेकिन सम्मान भी जरूरी
योगराज सिंह ने यह भी माना कि रचनात्मक आलोचना खेल का हिस्सा है और इससे सुधार हो सकता है। लेकिन जब खिलाड़ी या कोच पूरी ईमानदारी से मेहनत कर रहे हों, तो उन्हें बेइज्जत करना बिल्कुल गलत है। उन्होंने आगे कहा कि बतौर पूर्व क्रिकेटर, वे चाहते हैं कि खेल में लगे सभी लोग सम्मान के साथ काम करें और समाज भी उन्हें सकारात्मक नजरिए से देखे।
योगराज सिंह का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब सोशल मीडिया पर कोच गंभीर को लेकर माहौल गर्म था। उनके शब्दों ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि खिलाड़ी और कोच आलोचना से ऊपर नहीं हैं, लेकिन उन्हें सम्मान देना भी हमारी जिम्मेदारी है।

