Arun Jaitley Stadium: भारत के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को नई दिल्ली में दूसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन के पहले सेशन में वेस्टइंडीज के बल्लेबाज जॉन कैंपबेल को हराने का पूरा भरोसा था. बुमराह की गेंद कैंपबेल के पैड पर स्टंप के ठीक सामने लगी. अंपायर ने अंदरूनी किनारा लगने का संदेह होने पर बल्लेबाज के पक्ष में फैसला सुनाया, हालांकि भारत ने डिसीजन रिव्यु सिस्टम (DRS) का इस्तेमाल करने का फैसला किया. लाइन से लग रहा था कि गेंद स्टंप को तोड़ सकती थी, लेकिन थर्ड अंपायर को प्रभाव के बारे में कोई ठोस सबूत नहीं मिला.
क्या था मामला जिसपर बुमराह ने दिया जवाब ?
कई रीप्ले के बावजूद अंपायर यह पता नहीं लगा पाए कि गेंद पैड से टकराने से पहले बल्ले के अंदरूनी किनारे को छू गई थी या नहीं. इसलिए, मैदानी अंपायर का फैसला अंतिम रहा, क्योंकि कैंपबेल बच गए. तकनीकी खामी के कारण अपना विकेट गंवाने की आशंका के बाद, बुमराह ने अंपायर को फैसले पर अपनी ईमानदार राय दी. बुमराह ने वापस जाते हुए अंपायर से कहा कि आप जानते हैं कि आउट है, लेकिन टेक्नोलॉजी इसे साबित नहीं कर सकती. यह टिप्पणी बॉलिंग एंड पर लगे स्टंप माइक पर बखूबी रिकॉर्ड हो गई.
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कमेंटेटरों ने भी बुमराह की बात दोहराई, हालांकि कोई ठोस सबूत न होने के कारण फ़ैसला बदलने के लिए ज़्यादा कुछ नहीं किया जा सका. कैम्पबेल ने इस जीवनदान का पूरा फ़ायदा उठाया और अपना पहला टेस्ट शतक जड़ा. हालांकि, कुछ ओवर बाद स्पिनर रवींद्र जडेजा ने बाएं हाथ के इस बल्लेबाज़ को चकमा दे दिया. इस बार, अंपायर का फ़ैसला भारत के पक्ष में गया. हालांकि कैम्पबेल ने इस फ़ैसले की समीक्षा करने का फ़ैसला किया, लेकिन उन्हें दूसरी जीवनदान मिलने की कोई संभावना नहीं थी.
रवाना होने से पहले, कैम्पबेल ने वेस्टइंडीज़ को उस स्थिति से बेहतर स्थिति में पहुंचा दिया, जिस स्थिति में वह मैदान पर उतरे थे. भारत ने पहली पारी 518/5 पर घोषित की थी, जिसके बाद मेहमान टीम 248 रनों पर आउट हो गई. मेजबान टीम ने फॉलोऑन देने का फैसला लिया, लेकिन वेस्टइंडीज ने दूसरी पारी में नाटकीय सुधार दिखाया.

