Akash Deep: भारत और इंग्लैण्ड के बीच चल रही टेस्ट सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में तेज गेंदबाज आकाश डीप ने 10 विकेट झटककर सुर्खियां बटोरी। ऐसे में आइये जानते हैं उनके संघर्ष के बारे में। बिहार के रोहतास जिले के एक छोटे से गांव बड्डी से निकलकर टीम इंडिया में जगह बनाने वाले तेज गेंदबाज आकाश दीप ने इंग्लैंड के एजबेस्टन मैदान पर इतिहास रच दिया। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में शानदार गेंदबाजी की और पहली पारी में 4 और दूसरी पारी में 6 विकेट चटकाए। यानी पूरे मैच में कुल 10 विकेट चटकाकर उन्होंने भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई।
संघर्षों से भरा रहा आकाश दीप का सफर
आकाश दीप अब उन चंद भारतीय गेंदबाजों में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ एक ही टेस्ट में 10 विकेट चटकाए हैं। इतना ही नहीं, 1976 के बाद वे पहली पारी में इंग्लैंड के टॉप-5 बल्लेबाजों में से 4 को पवेलियन भेजने वाले पहले भारतीय गेंदबाज बन गए हैं। आकाश दीप का सफर आसान नहीं रहा। वे 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के नायक शहीद बाबू निशान सिंह के वंशज हैं। निशान सिंह वीर कुंवर सिंह के सेनापति थे। अंग्रेजों ने उन्हें कैमूर की गुफा से पकड़कर सासाराम में तोप से उड़ा दिया था। उसी मिट्टी से निकला यह युवा आज देश के लिए क्रिकेट में इतिहास रच रहा है।
साधारण परिवार से आते हैं आकाश दीप
आकाश एक साधारण परिवार से आते हैं। उनके पिता रामजी सिंह सासाराम में शिक्षक थे और चाहते थे कि उनका बेटा सरकारी नौकरी करे। लेकिन मां लडुमा देवी ने बेटे की क्रिकेट में रुचि को समझा और उसे प्रशिक्षण के लिए भेज दिया। वर्ष 2015 में उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। पहले उनके पिता की लकवा से मौत हो गई और फिर दो महीने के अंदर ही उनके बड़े भाई धीरज सिंह की मलेरिया से मौत हो गई। घर की जिम्मेदारी आकाश पर आ गई। आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।
टेस्ट जीत अपनी बहन के नाम किया
एजबेस्टन टेस्ट जीतने के बाद आकाश दीप ने बताया कि उनकी बड़ी बहन ज्योति सिंह कैंसर से जूझ रही हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने यह प्रदर्शन अपनी बहन को समर्पित किया है। ज्योति फिलहाल लखनऊ में रहती हैं और हाल ही में उन्हें कैंसर का पता चला है। छह भाई-बहनों में सबसे छोटे आकाश दीप की कहानी सिर्फ क्रिकेट तक ही सीमित नहीं है। यह कहानी है एक ऐसे युवा की जिसने मुश्किलों के सामने कभी हार नहीं मानी। पारिवारिक जिम्मेदारियों, आर्थिक तंगी और निजी दुखों के बीच उसने अपने सपनों को मरने नहीं दिया। आज वही संघर्ष उसे भारत के लिए खेलने तक ले आया है।
इस तरह टीम इंडिया में मिला मौका
आकाश दीप ने सासाराम से दुर्गापुर और फिर कोलकाता तक का सफर तय किया। वहां उसे बंगाल की अंडर-23 टीम में मौका मिला और 2017-18 सीजन में 42 विकेट लेकर सबको चौंका दिया। इसके बाद उसने रणजी ट्रॉफी में भी शानदार प्रदर्शन किया। 2022 में आरसीबी ने उसे आईपीएल में मौका दिया और वहीं से इंडिया-ए और फिर टीम इंडिया का दरवाजा खुला।

