Sawan 2025: सावन का पवित्र महीना भगवान शिव की भक्ति का प्रतीक है, जब श्रद्धालु उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा-अर्चना में लीन रहते हैं। इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की संयुक्त पूजा का अत्यधिक महत्व है। लेकिन एक ऐसा मंत्र भी है जिसे भगवान विष्णु ने भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए उच्चारित किया था। यह मंत्र न केवल भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का माध्यम है, बल्कि भक्तों के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाने का भी प्रतीक माना जाता है। सावन के इस पावन अवसर पर, भक्त इस मंत्र का जाप कर भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
इस मंत्र से भोलेनाथ होंगे प्रसन्न
मान्यता है कि स्वयं भगवान विष्णु ने इस मंत्र से भगवान शिव को प्रसन्न किया था। यह मंत्र जीवन में उन्नति लेकर आता है। साथ ही आपकी सभी मनोकामनाओं को भी पूरी करता है। यह मंत्र है “कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारम् भुजगन्द्रहारम्, सदा बसंन्तं हृदयारबिंदे भंब भवानीसहितं नमामि”। यह मंत्र भगवान शिव की स्तुति का एक बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है। इस मंत्र का अर्थ भगवान शिव के दिव्य स्वरूप और गुणों का वर्णन करता है।
क्या है मंत्र का मतलब?
कर्पूरगौरं: जो कपूर के समान गौर वर्ण वाले हैं।
करुणावतारं: यह करुणा के अवतार हैं।
संसारसारम्: यह इस संसार का सार हैं।
भुजगन्द्रहारम्: जिन्होंने नागराज को अपने गले में हार के रूप में धारण किया है।
सदा बसंन्तं हृदयारबिंदे: जो हमेशा भक्तों के दिल में निवास करते हैं।
भंब भवानीसहितं नमामि: ऐसे भगवान शिव को माता भवानी सहित मैं नमन करता हूं।
मंत्र का पौराणिक महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव और भगवान विष्णु एक दूसरे को अपना प्रभू मानते हैं। जब भगवान विष्णु किसी समस्या में होते थे, तो शिवजी उनकी सहायता करते थे। यह मंत्र भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने का एक अनोखा माध्यम है।
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