Sawan 2025: सावन भगवान शिव का पसंदीदा महीना माना जाता है। इस महीने में भक्तगण तरह-तरह की पूजा करते हैं। कई लोग जलाभिषेक करते हैं तो कोई सोमवार का व्रत रखता है। माना जाता है कि इस दौरान भगवान शिव जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं।
मान्यता है कि सावन के महीने में रुद्राष्टकम का जाप करना चाहिए। आइए, VastuguruManyyaa (Manyyaa Adlakkha) से जानते हैं कि रुद्राष्टकम जाप का महत्व क्या है।
क्या है रुद्राष्टकम? (What is Rudrashtakam?)
रुद्राष्टकम एक प्रसिद्ध स्तुति है जिसे गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा था। इसकी शुरुआत “नमामीशमीशान निर्वाणरूपं…” से होती है। यह स्तोत्र भगवान शिव के रूप, स्वरूप, शक्ति और गुणों की सुंदर व्याख्या करता है। इसे पढ़ने से मन को शांति मिलती है और जीवन में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है।
सावन में रुद्राष्टकम का पाठ क्यों करें?
इस पवित्र महीने में अगर आप रुद्राष्टकम का पाठ रोजाना करते हैं तो भगवान शिव की विशेष कृपा बरसती हैं। इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है, आर्थिक तंगी दूर होती है और सेहत से जुड़ी परेशानियां भी धीरे-धीरे खत्म होने लगती हैं। जो लोग मानसिक तनाव या पारिवारिक उलझनों से परेशान हैं, उनके लिए भी ये पाठ बहुत फायदेमंद होता है।
पाठ करने का सही तरीका
रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान करें, साफ-सुथरे कपड़े पहनें और भगवान शिव की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक जलाकर बैठें। फिर पूरे ध्यान और श्रद्धा से रुद्राष्टकम का पाठ करें। चाहें तो किसी ऑडियो की मदद से भी पाठ कर सकते हैं। सबसे जरूरी बात यह है कि पाठ के वक्त मन एकदम शांत हो और भक्ति भाव से भरा हो।
अगर आप किसी बड़ी पूजा या व्रत के झंझट में नहीं पड़ना चाहते, तो सिर्फ रुद्राष्टकम का पाठ ही काफी है। यह पाठ छोटा जरूर है, लेकिन इसका असर बहुत बड़ा होता है। सावन में इसे रोज पढ़ने से भगवान शिव जल्दी खुश होते हैं और हर मुसीबत से रक्षा करते हैं।
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इन खबर इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

