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क्या विदेश में रहकर किया जा सकता है पिंडदान, जानें क्या कहता है धर्म?

Pitru Paksha 2025 : पितृ पक्ष 2025 7 से 21 सितंबर तक मनाया जाएगा। इस दौरान पूर्वजों के सम्मान के लिए श्राद्ध किया जाता है। यह तर्पण और पिंडदान आप विदेश में रहकर भी कर सकते हैं।

Published by Preeti Rajput

Perform Shradh In Abroad :  पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2025) आज 7 सितंबर से शुरू हो रहा है। यह 14 दिन भारत में मनाया जाना है। यह पर्व हमारे पूर्वजों को समर्पित एक पवित्र त्योहार है। इस साल 2025 में पितृ पक्ष रविवार, 7 सितंबर 2025 से रविवार, 21 सितंबर 2025 तक मनाया जाएगा। ये दिन परिवार की दिवंगत आत्माओं के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध के लिए निर्धारित हैं। मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान पूर्वजों की आत्माएं तर्पण ग्रहण करने के लिए पृथ्वी के निकट आती हैं। 

विदेश में रहकर भी किया जा सकता है पिंडदान

अगर आप विदेश में रहते हैं, तो आपके मन में भी यही सवाल उठ रहा होगा कि श्राद्ध (Shradh) कर्म सही तरीके से कैसे करें? बता दें कि आप कहां रह रहे हैं, इससे फर्क नहीं पड़ता है, बस श्रद्धा, भक्ति और सही विधि से पिंडदान किया जाना चाहिए। तभी कर्मकांड का सही तौर पर माना जाता है। नियमों का पालन इन दिनों काफी ज्यादा जरूरी हो जाता है। विदेश में रहने वालों के लिए मंदिर या पवित्र नदियां हमेशा नहीं मिल पाती है। तो आप घर पर ही साधारण व्यवस्थाओं के साथ पिंडदान कर सकते हैं। स्थानीय मंदिरों पर भी यह अनुष्ठान किया जा सकता है। 

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हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण है श्राद्ध

हिंदू धर्म में श्राद्ध का महत्व काफी ज्यादा होता है। इस दौरान परिवारवालों का कर्तव्य बनता है कि वह पितरों का पिंडदान (Pinddaan) करें, ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले। मनुष्य जन्म कर्म ऋणों से बंधा होता है। इनमें पितृ ऋण सबसे अहम माना जाता है। इस दौरान पिंडदान कर हम अपने पितरों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। जो लोग श्राद्ध की उपेक्षा करते हैं, उन्हें कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। 

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Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इन खबर इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

Preeti Rajput
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