Garun Purna: हिंदू धर्म में मृत्यु के बाद आत्मा की शांति के लिए कई विधि-विधान किए जाते हैं। मान्यता है कि इंसान के जीवित और मृत्यु के बाद कर्मों का लेखा-जोखा तय किया जाता है। जीवित रहते हुए इंसान को क्य़ा करना चाहिए और मरने के बाद क्या-क्या होता है। इन सभी की जानकारी गुरूण पुराण में मौजूद है। गुरुड़ पुराण को 18 महापुराणों में एक प्रमुख ग्रंथ माना जाता है।
मृत व्यक्ति की चीजों के इस्तेमाल से लगता है दोष
इस ग्रंथ की खास बात है कि इसमें साफ तौर पर बताया गया है कि मरने के बाद इंसान की किन चीजों का इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए। इनके इस्तेमाल से जीवित व्यक्ति को एक खास दोष लग जाता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत व्यक्ति की चीजें इस्तेमाल करने से पितृ दोष और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
इन चीजों का ना करें इस्तेमाल
गरूण पुराण में मृत व्यक्ति की घड़ी का उपयोग वर्जित है। माना जाता है कि अगर कोई इसका इस्तेमाल करता है तो मृतात्मा उस वस्तु से आकर्षित हो सकती है। कपड़ों में भी मृत व्यक्ति ऊर्जा और स्मृतियां बस जाती हैं। इसलिए उन कपड़ों को किसी गरीब या जरूरतमंद को दान कर देना शुभ माना गया है। मृतक व्यक्ति के जूते-चप्पल पहनना भी अशुभ माना जाता है। इससे पितरों की अशांति का संकेत मिलता है। कई लोग तक के गहनों को विरासत के रूप में संभाल कर रखते हैं। लेकिन इनका उपयोग करने से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। मृत व्यक्ति की वस्तुओं का उपयोग न करना न केवल आत्मा के लिए लाभदय होता है।

