Categories: धर्म

Garunda Purana: आखिर मृत्यु के बाद गरुड़ पुराण क्यों पढ़ा जाता है? जानें इसकी कथा और महत्व

Garunda Purana: हिंदू धर्म में 18 महापुराण होती हैं. उन्हीं में से एक है गरुड़ पुराण. इस ग्रंथ में कुल 19 हजार श्लोक हैं. इसमें नरक, स्वर्ग, धर्म, नीति और ज्ञान का वर्णन किया गया है. इस ग्रंथ का पाठ करने से लोगों को ज्ञान, त्याग, तपस्या और जीवन के अर्थ के बारे में पता चलता है.

Published by Shivi Bajpai

Garunda Purana: हिंदू धर्म में 18 महापुराणों में गरुड़ पुराण का भी खास महत्व है. ये एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है. यह दुनिया के पालनहार भगवान विष्णु और उनके वाहन गरुड़ के बीच की बातचीत  पर केंद्रित है. इस पुराण में मृत्यु के बाद की स्थिति का वर्णन किया गया है. इसके अलावा गरुड पुराण में मनुष्य के अलग-अलग कर्मो के हिसाब से दंड के बारे में भी लिखा है. तो आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि गरुड़ पुराण को किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद क्यों पढ़ा जाता है?

गरुड़ पुराण कब और क्यों पढ़ें ?

शास्त्रों के अनुसार, परिवार में जब किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है. तो उसके बाद घर पर गरुड़ पुराण का पाठ कराया जाता है. ऐसी मान्यता है कि मृत व्यक्ति की आत्मा 13 दिनों तक घर पर ही रहती है. इसलिए गरुड़ पुराण का पाठ करके आत्मा को मोत्र दिलाया जाता है. 

गरुड़ पुराण का महत्व (Garunda Purana Ka Mehtava)

गरुड़ पुराण को 18 महापुराणों में से एक माना गया है. इस ग्रंथ में कुल 19  श्लोक हैं जिनमें से सात हजार श्लोक मानव जीवन से संबंधित हैं. इसमें नरक, स्वर्ग, रहस्य, नीति, धर्म और ज्ञान का उल्लेख मिलता है. इस ग्रंथ का पाठ करने से आपको ज्ञान, त्याग तपस्या और सदाचार का ज्ञान मिलता है. 

Related Post

Kaal Bhairav Jayanti 2025: 12 नवंबर काल भैरव जयंती का पावन पर्व, जानें पूजन विधि और विशेष महत्व

गरुड़ पुराण की कथा (Garunda Purana Ki Katha)

गरुड़ पुराण की कथा के अनुसार, एक ऋषि के श्राप के कारण राजा परीक्षित को तक्षक नाग ने काट लिया था और रास्ते में उन्हें कश्यप ऋषि मिले. तक्षक नाग ने अपना भेष बदलकर ब्राह्मण वेशधारी ऋषि से पूछा कि वे इतने अधीरता से कहां जा रहे हैं? ऋषि ने बताया कि तक्षक नाग महाराज परीक्षित को कुचलने जा रहे हैं और उनके जहर के प्रभाव को दूर करके उन्हें फिर से जीवन देंगे. यह सुनकर तक्षक ने अपना परिचय दिया और वापस लौटने को कहा. तक्षक ने कश्यप जी से कहा कि मेरे विष के प्रभाव से आज तक कोई भी व्यक्ति जीवित नहीं बच पाया है.

तब कश्यप ने कहा कि वह अपने मंत्रों की शक्ति से राजा परीक्षित के विषैले प्रभाव को दूर कर देंगे.इसके बाद तक्षक ने मुनि से कहा कि यदि ऐसी बात है तो तुम्हें इस वृक्ष को हरा-भरा कर सकते हैं.जब तक्षक ने वृक्ष को जलाकर भस्म कर दिया तो कश्यप ने वृक्ष की राख पर अपना मंत्र जलाया और देखते ही देखते उस राख में से नई कोंपलें फूट पड़ीं और देखते ही देखते वृक्ष फिर से हरा-भरा हो गया।.

ऋषि कश्यप के इस चमत्कार से आश्चर्यचकित तक्षक ने पूछा कि वह किस कारण से राजा का भला करना चाहता है? तब साधु ने कहा कि उसे वहां से बड़ी मात्रा में धन मिलेगा.तक्षक ने एक उपाय निकाला और उसे उसकी आशा से अधिक धन देकर वापस भेज दिया.गरुड़ पुराण के अनुसार, गरुड़ पुराण सुनने के बाद कश्यप ऋषि का प्रभाव और शक्ति बढ़ गई.

Kaal Bhairav Jayanti Upay: काल भैरव जयंती के दिन इन खास उपायों को करने से दूर होगी जीवन की सारी मुश्किलें

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. Inkhabar इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

Shivi Bajpai
Published by Shivi Bajpai

Recent Posts

भगवान का पैसा खाकर मोटे हो रहे थे बैंक? सुप्रीम कोर्ट ने मारा करारा तमाचा! जानिए क्या है पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया कि मंदिर का पैसा सिर्फ देवता का है. जिसके…

December 5, 2025

World Dirtiest Cities: तेल, धुआं और गंदगी…ये हैं दुनिया के 5 सबसे गंदे शहर! लिस्ट में टॉप पर है इस देश की राजधानी

World Pollution Ranking Cities: इन शहरों में प्रशासन की उदासीनता, औद्योगिक कचरे का गलत प्रबंधन…

December 5, 2025

Akhuratha Sankashti 2025: पापों के नाश और कार्यों में सफलता के लिए रखें अखुरथ संकष्टी का व्रत

Akhuratha Sankashti 2025 Date: चतुर्थी तिथि हर महीने आती है. पौष महीने में आने वाली…

December 5, 2025