माइग्रेन में भूलकर भी न खाएं यह दो तरह के फल, नहीं तो पड़ सकता है आपको भारी!
Do not eat these two types of fruits even by mistake in migraine: माइग्रेन एक बेहद ही गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्या है जो अक्सर टायरामिन जैसे आहार संबंधी घटकों से ट्रिगर होने लगती है. लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि केले और एवोकाडो जैसे पौष्टिक फल भी संवेदनशील लोगों में माइग्रेन की समस्या को बढ़ा देते हैं. ये दोनों फल सबसे ज्यादा पके होते हैं तो उनमें टायरामिन नाम की प्राकृतिक अमीनो एसिड बाय-प्रोडक्ट का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है. इसके साथ ही माइग्रेन के मरीज़ों को इन फलों का सेवन बेहद ही सावधानी से करना चाहिए और पके हुए फलों से ज्यादा बचने की कोशिश करनी चाहिए.
माइग्रेन की प्रकृति
माइग्रेन एक तरह की न्यूरोलॉजिकल समस्या है जो डाइट और पर्यावरणीय कारकों से ट्रिगर होती है.
दो मुख्य ट्रिगर फल
पौष्टिक होने के बावजूद भी केला और एवोकाडो माइग्रेन पीड़ितों में दर्द को और भी जयादा तेजी से बढ़ा देता है.
दोनों फलों में पाया गया दोषी केमिकल
लेकिन, दोनों फलों में पाया जाने वाला मुख्य ट्रिगर कंपाउंड एक प्राकृतिक अमीनो एसिड बाय-प्रोडक्ट टायरामिन (Tyramine) है.
टायरामिन की क्रिया
टायरामिन रक्त कोशिकाओं के फैलाव को प्रभावित करता है और न्यूरोट्रांसमीटर को रिलीज करता है, जो माइग्रेन को ट्रिगर करने में पूरी तरह से मदद करते हैं.
पकने का असर
तो वहीं, दूसरी फल जितना ज्यादा पकता है, उसमें टायरामिन का स्तर बढ़ता चला जाता है. यही कारण है कि माइग्रेन पीड़ितों को पके केले और एवोकाडो का सेवन करने से बचना चाहिए.
एवोकाडो के अन्य ट्रिगर
एवोकाडो में थोड़ी मात्रा में हिस्टामीन और पॉलीफेनॉल भी शामिल होते हैं, जो संवेदनशील लोगों में सूजन भी बढ़ा सकते हैं.
टायरामिन पर रिसर्च
PubMed जैसे वैज्ञानिक शोध यहा बताते हैं कि टायरामिन सिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम को प्रभावित कर रक्त प्रवाह और ब्लड प्रेशर पर अच्छा खासा असर डालता है, जिससे माइग्रेन शुरू हो सकता है.
बचाव करने का पहला तरीका
माइग्रेन पीड़ित व्यक्तियों को बहुत पके फल खाने से भी बचना चाहिए.
बचाव करने का दूसरा तरीका
यह जानने के लिए कि कौन सा भोजन ट्रिगर कर रहा है, एक फूड डायरी (Food Diary) रखना माइग्रेन पीड़ितों के लिए बेहद ही ज़रूरी है.
बचाव करने का तीसरा तरीका
थोड़ी सी मात्रा समस्या नहीं करती, इसलिए इन फलों के पोषण का फायदा लेने के लिए नियंत्रित मात्रा में ही इनका सेवन करना चाहिए.