आजकल हर उम्र के लोग अपने बालों को ट्रेंडी और खूबसूरत दिखाने के लिए कलर करवाते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि बार-बार हेयर कलर करने से सिर्फ बाल ही नहीं, बल्कि पूरी बॉडी को नुकसान पहुंच सकता है? अक्सर लोग यह सोचते हैं कि बालों में रंग भरना एक स्टाइल का हिस्सा है, लेकिन यह स्टाइल आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है. हेयर डाई में मौजूद केमिकल्स जैसे अमोनिया, पैराफेनिलेन डायमीन (PPD) और रेसोरसिनॉल आपकी स्किन, फेफड़ों और यहां तक कि आपके खून तक पर असर डालते हैं.
स्किन और सिर की सेहत पर पड़ता है सीधा असर
हेयर कलर में मौजूद केमिकल तत्व आपकी स्कैल्प की नमी और नेचुरल तेल को खत्म कर देते हैं, इससे बाल रूखे, बेजान और कमजोर हो जाते हैं. कई बार स्कैल्प पर खुजली, जलन या लाल चकत्ते भी दिखाई देने लगते हैं, लंबे समय तक इसका इस्तेमाल करने से बाल झड़ने लगते हैं और नई बालों की ग्रोथ रुक जाती है. कुछ लोगों को तो कलर के बाद सिर पर पपड़ी या फंगल इन्फेक्शन तक हो जाता है खासतौर पर सेंसिटिव स्किन वाले लोगों को हेयर डाई से एलर्जी हो सकती है, जिससे आंखों में जलन या सूजन जैसी समस्या हो सकती है.
केमिकल्स के जरिए शरीर में फैलता है ज़हर
जब आप बार-बार बालों में कलर करते हैं, तो उसके केमिकल्स सिर की त्वचा से होकर शरीर में प्रवेश करने लगते हैं, ये केमिकल्स ब्लड के जरिए फेफड़ों, लिवर और किडनी तक पहुंच सकते हैं. इससे शरीर के अंगों की कार्यक्षमता धीरे-धीरे कम होती जाती है कुछ रिसर्च में पाया गया है कि हेयर कलर में मौजूद एरोमैटिक एमाइंस नामक पदार्थ कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है. खासकर, यह ब्लैडर कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और ल्यूकेमिया जैसी गंभीर बीमारियों से जुड़ा पाया गया है.
नेचुरल ऑप्शन अपनाएं, शरीर और बाल दोनों रहेंगे सेफ
अगर आप चाहते हैं कि बाल सुंदर भी रहें और सेहत पर कोई बुरा असर भी न पड़े, तो नेचुरल ऑप्शन चुनें, मेंहदी, कॉफी, चाय की पत्ती, इंडिगो पाउडर और आंवला जैसे घरेलू नुस्खे आपके बालों को बिना नुकसान पहुंचाए कलर देने में मदद कर सकते हैं. ये न सिर्फ बालों की मजबूती बढ़ाते हैं बल्कि स्कैल्प को पोषण भी देते हैं. कोशिश करें कि केमिकल डाई का इस्तेमाल साल में एक या दो बार से ज्यादा न करें और कलर करने से पहले बालों में तेल जरूर लगाएं ताकि केमिकल्स का असर कम हो सके.

