9-1 Fitness Rule: आजकल की लाइफस्टाइल को देखते हुए फिटनेस पर ध्यान देना काफी जरूरी हो गया है. फिट रहने के लिए 10,000 स्टेप्स चलने का ट्रेंड तो काफी पुराना हो चुकी है. वहीं अब ‘9-1 रूल‘ का ट्रेंड काफी ज्यादा चल रहा है. यह एक सरल और बेस्ट तरीका है, जिससे आप फिट रह सकते हैं. यह रुल 9 से 1 तक की गिनती पर बेस्ड है. जिसमें आपको रोजाना 9,000 स्टेप रोजाना चलना है, 8 गिलास पानी, 7 घंटे सोना, 6 मिनट ध्यान करना, 5 फल-सब्जियां खाना, 4 ब्रेक, 3 बार भोजन और सोने के बीच 2 घंटे का गैप रखें और रोजाना 1 घंटे योग करें.
10 हजार स्टेप्स पर फोकस
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 10 हजार स्टेप्स सिर्फ चलने पर फोकस करता है, लेकिन 9-1 रूल पूरे दिन की आदतों को कवर करता है. एक रिसर्च में पाया गया कि 7,000 से 9,000 स्टेप्स भी काफी मुश्किल भरा है. यह रुल ज्यादा व्यावहारिक है, क्योंकि वह छोटे-छोटे बदलावों पर जोर देता है. भारतीयों के लिए एक जगह बैठकर काम करना आम हो गया है. लेकिन 9-1 रूल आपकी फिट रहने में मदद कर सकता है.
भारतीय ऑफिस और घरों में 9-1 रूल
भारतीय ऑफिस और घरों में 9-1 रूल को अपनाना आसान नहीं है. ज्यादातर भारतीय 9-5 की नौकरी करते हैं, जहां 8-10 घंटे बैठना पड़ता है. एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 63 प्रतिशत हाइब्रिड काम के लिए कम वेतन लेने को तैयार हैं ताकी फ्लेक्सिबिलिटी मिल सके. ऑफिस में 4 ब्रेक लेना मुश्किल हो सकता है. लेकिन लंच ब्रेक या चाय ब्रेक में 5-10 मिनट टहलना शामिल कर सकते हैं. घरों में जहां महिलाएं घरेलू काम करती हैं. लेकिन 9 हजार स्टेप घर में सफाई या बच्चों के साथ खेलकर पूरे हो सकते हैं. समस्या है समय की कमी जैसे- 9:30 AM आने का रुल कई कंपनियों में है. छोटे बदलाव जैसे सीढ़ियां चढ़ना या घर पर योग करना इसे व्यावहारिक बनाते हैं. डॉक्टरर्स भी सलाह देते हैं कि शुरुआत लक्ष्यों से करें, जैसे पहले 5,000 स्टेप्स और धीरे-धीरे बढ़ाएं.
वर्कप्लेस टेक कैसे मदद कर रहे हैं?
आज की टेक्नोलॉजी 9-1 रुल अपनाने में काफी अहम भूमिका निभा रही है. वियरेबल्स जैसे फिटबिट, एप्पल वॉच या स्मार्टवॉच स्टेप्स गिनते हैं. रिमाइंडर देते हैं कि हर घंटे खड़े रहने का अलर्ट. यह डिवाइस पानी पीने या ध्यान करने के लिए भी नोटिफिकेशन भेजते हैं. वर्कप्लेस में, स्टैंडिंग डेस्क या एर्गोनॉमिक चेयर लोकप्रिय हो रहे हैं, जो बैठने के समय को कम करते हैं. ऐप्स जैसे गूगल फिट या हेल्थ ऐप 9-1 रूल के हिसाब से ट्रैकिंग करते हैं, जैसे 4 ब्रेक के लिए टाइमर सेट करना. एक स्टडी में पाया गया कि वियरेबल्स प्राइवेसी इश्यूज उठाते हैं, लेकिन हेल्थ बेनिफिट्स ज्यादा हैं. भारतीय ऑफिसों में कंपनियां बेलनेस प्रोग्राम चला रही हैं. जहां टेक रिमाइंडर्स से एक घंटा व्यायाम करने को प्रोत्साहित होते हैं. यह सब मिलकर लोगों को आदत डालने में मदद करता है.
9-1 रूल को बैलेंस
भारतीय ऑफिसों में, कंपनियां वेलनेस प्रोग्राम चला रही हैं. जहां टेक रिमाइंडर्स से कर्मचारी 1 घंटे व्यायाम करने को खूब प्रोत्साहित होते हैं. यह सब मिलकर लोगों की आदत डालने में मदद करता है. एक्सपर्ट बताते हैं कि क्योंकि सिटिंग ब्रेक जिम वर्कआउट से ज्यादा महत्वपूर्ण हैडॉक्टर्स और एक्सपर्ट्स का कहना है कि लंबे समय बैठना ‘सिटिंग डिजीज‘ का कारण है, जो जिम वर्कआउट से भी ज्यादा नुकसान करता है. एक वैस्कुलर सर्जन के अनुसार, 10,000 स्टेप्स चलने से भी 10 घंटे बैठने का नुकसान नहीं मिटता. बैठने से मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ता है, ब्लड शुगर और प्रेशर बढ़ता है, और दिल की बीमारियां होती हैं. जिम में 1 घंटा एक्सरसाइज अच्छा है, लेकिन दिनभर छोटे ब्रेक ज्यादा फायदेमंद हैं. जैसे हर 30 मिनट खड़े होना है. ब्रेक लेने से सर्कुलेशन बेहतर होता है और मेटाबॉलिक हेल्थ सुधरती है. 9-1 रूल के ब्रेक और स्टेप्स बैठने को तोड़ते हैं, जो जिम से ज्यादा जरूरी है.
9-1 रूल से सबसे ज्यादा फायदा किसे होता है?
9-1 रूल से सबसे ज्यादा फायदा उन लोगों को होता है जो बैठकर काम करते हैं, जैसे ऑफिस वर्कर्स, स्टूडेंट्स या घरेलू महिलाएं. वजन घटाने वालों के लिए यह 90% हेल्दी चॉइस और 10% इंडल्जेंस की तरह काम करता है. बुजुर्गों को हृदय स्वास्थ्य और नींद में सुधार मिलता है, जबकि युवाओं को तनाव कम करने में मदद. जिन्हें डायबिटीज या हाई बीपी है, उन्हें ब्रेक और स्टेप्स से ब्लड शुगर कंट्रोल होता है. महिलाओं को घर के कामों में बैलेंस मिलता है. कुल मिलाकर, sedentary लाइफस्टाइल वाले सभी को फायदा, क्योंकि यह छोटे बदलावों से बड़ा असर डालता है.

